5.9 C
London
Thursday, October 30, 2025
HomeUncategorizedइस अजीबोगरीब बीमारी से जूझ रहे वरुण धवन, बोले- मैं बैलेंस खो...

इस अजीबोगरीब बीमारी से जूझ रहे वरुण धवन, बोले- मैं बैलेंस खो चुका हूं

Published on

‘भेड़िया’ बनकर जल्द ही वरुण धवन बड़े पर्दे पर उतरने वाले हैं. आजकल यह अपनी फिल्म के प्रमोशन्स में भी बिजी चल रहे हैं. कृति सेनन संग इनकी फिल्म में जोड़ी बनी है. दोनों इससे पहले फिल्म ‘दिलवाले’ में नजर आए थे. हाल ही में फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ था, जिसे काफी पॉजिटिव रिस्पॉन्स भी मिला. ऑडियन्स को वरुण धवन का इच्छाधारी भेड़िया का रूप काफी पसंद आया. फिल्म के प्रमोशन्स में वरुण धवन कोई कमी नहीं कर रहे हैं. हाल ही में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में एक्टर ने अपने रोल के साथ कुछ पर्सनल लाइफ की चीजें भी शेयर कीं.

वरुण धवन को है वेस्टीबुलर हायपोफंक्शन की बीमारी
वरुण धवन ने बताया कि वह वेस्टीबुलर हायपोफंक्शन की समस्या से जूझ चुके हैं. इस बीमारी में एक व्यक्ति अपनी बॉडी का बैलेंस खो बैठता है. पेंडेमिक के बाद जब चीजें धीरे-धीरे खुलनी शुरू हुईं, तो वरुण धवन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उन्हें खुद को प्रेशराइज करके काम के प्रति आगे धकेलना पड़ा.न चाहते हुए भी वरुण धवन को काम से ब्रेक लेना पड़ा.

जब वरुण धवन को अपनी इस बीमारी के बारे में पता चला तो वह काफी दुखी हो गए थे. शट डाउन महसूस करने लगे थे. खुद को आगे बढ़ाना उनके लिए काफी चैलेंजिंग रहा. कोविड-19 के बाद जब वरुण धवन ने काम पर वापसी करनी चाही, तो उनके सामने कई चुनौतियां आईं. वरुण धवन ने कहा कि जब हम घर के दरवाजे खोलते हैं, तो क्या आपको नहीं लगता कि हम उसे रैट रेस में शामिल होने जा रहे हैं जो घर के बाहर चल रही है. यहां बैठे कितने लोग यह बात कह सकते हैं कि वह बदले हैं. मैं देखता हूं कि लोग पहले से ज्यादा मेहनत करके काम करने लगे हैं. मैंने खुद को फिल्म ‘जुग जुग जियो’ के लिए इतना प्रेशराइज किया कि मुझे महसूस होने लगा कि मैं किसी इलेक्शन में तो भाग नहीं ले रहा हूं. मैं नहीं जानता कि मैंने खुद को इतना स्ट्रेस और प्रेशर में क्यों डाला, लेकिन मैंने किया.

वरुण धवन ने आगे कहा कि कुछ दिनों पहले ही मैंने यह बात अपना ली कि मुझे वेस्टीबुलर हायपोफंक्शन की बीमारी है. मैं नहीं जानता कि मुझे क्या हुआ, लेकिन मैंने सोचा कि बैलेंस जरूरी है लाइफ में. पर मेरा तो यही बैलेंस बिगड़ गया है. मैंने खुद को पुश करना शुरू कर दिया. हम बस रैट रेस में भाग रहे हैं, जिसके बारे में हमसे पूछने वाला कोई नहीं है. मुझे लगता है कि हम इस दुनिया में अगर आए है तो एक बड़े मकसद से आए हैं. मैं अपना यही मकसद ढूंढने की कोशिश कर रहा हूं. उम्मीद करता हूं कि बाकी लोगों को भी यह मकसद मिले.

क्या होता है वेस्टीबुलर हायपोफंक्शन?
वेस्टीबुलर हायपोफंक्शन कान के अंदर का बैलेंस सिस्टम होता है जो ठीक तरह से काम नहीं कर पाता है. कान के अंदर वेस्टीबुलर सिस्टम होता है जो आंख के साथ काम करता है और मसल्स को बैलेंस करने की कोशिश करता है. जब यह ठीक तरह से काम नहीं करता है, तो कान से सुनाई देने वाली चीजें दिमाग तक ठीक तरह से पहुंच नहीं पाती हैं. ऐसे में व्यक्ति को चक्कर जैसे आने लगते हैं.

Latest articles

पहले ही दिन गोवा, दिल्ली और हैदराबाद की फ्लाइट्स हुईं फुल

भोपाल ।सतना/हवाई पट्टी नगर। विंटर सीजन की शुरुआत के साथ ही सतना एयरपोर्ट से...

खजुराहो से दिल्ली और बनारस के लिए इंडिगो की सीधी फ्लाइट शुरू

भोपाल ।अब खजुराहो से दिल्ली और बनारस के लिए सीधी हवाई सेवा शुरू हो...

नर्स की सड़क हादसे में मौत

भोपाल ।भोपाल की 25 वर्षीय नर्स वर्षा लोधी का विदिशा में सड़क हादसे में...

नगर सलाहकार समिति की बैठक

भेल भोपाल ।मंगलवार को नगर सलाहकार समिति की बैठक क्षितिज भवन के सभागार में...

More like this

खजुराहो से दिल्ली और बनारस के लिए इंडिगो की सीधी फ्लाइट शुरू

भोपाल ।अब खजुराहो से दिल्ली और बनारस के लिए सीधी हवाई सेवा शुरू हो...

बीएचईएल हरिद्वार में “सतर्कता हमारी साझा जिम्मेदारी” विषय पर कार्यक्रम

भेल हरिद्वार ।(बीएचईएल हरिद्वार में सतर्कता जागरूकता सप्ताह का शुभारम्भ)हरिद्वार, 27 अक्टूबर: सार्वजनिक जीवन...