नई दिल्ली,
खरीफ फसलों की कटाई अपने अंतिम चरणों में हैं. खेतों में पराली जलाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. इस बीच प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए पंजाब सरकार ने ईंट और भट्टा मालिकों को नए निर्देश जारी किए हैं. भगवंत मान सरकार ने ईंट और भट्टे मालिकों को ईंधन का 20 प्रतिशत पराली के रूप में इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है.
क्या है पंजाब सरकार का प्लान
पंजाब सरकार का दावा है कि इस फैसले से किसानों को फायदा मिलेगा. पराली बेचने पर उनकी आय में इजाफा होगा. खेतों में पराली नहीं जलाने से प्रदूषण के स्तर में भी कमी आएगी. ईंट भट्ठों के मालिकों को पराली का ईंधन के तौर पर उपयोग की शुरुआत करने के लिए छह महीने का समय दिया गया है. अगले साल से इस प्रकिया का पालन नहीं करने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. राज्य सरकार की पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग इस मामले में ईंट भट्ठों को हर तरह की तकनीकी सहायता मुहैया कराएगा.
कहां-कहां पराली का किया जा रहा है उपयोग
हरियाणा सरकार ने इससे निपटने के लिए एक नया तरीका निकाला है. खट्टर सरकार किसानों को पराली नहीं जलाने पर प्रति एकड़ 1 हजार रुपये दे रही है. इसके अलावा सरकार किसानों से एमएसपी पर भी पराली खरीद रही है. पराली से ईंट बनाईं जा रही हैं. साथ ही इथेनॉल प्लांट में भी इसका उपयोग किया जा रहा है.
पराली जलाने वालों के खिलाफ सरकारें सख्त
बता दें कि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार भी सख्त है. पराली जलाने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं देने का फैसला किया गया है. वहीं पंजाब, हरियाणा में पराली जलाने वाले किसानों से जुर्माना भी वसूला जा रहा है.
पराली प्रबंधन से जुड़े मशीनों पर सब्सिडी
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में पराली प्रबंधन से जुड़े मशीनों पर सब्सिडी भी दी जा रही है. किसान इन मशीनों को अनुदान पर खरीद पराली निस्तारण की प्रकिया को पूरा कर सकते हैं.