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Wednesday, July 2, 2025
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योगी सरकार आते ही संकट में आ गया आजम खान का राजनीतिक भविष्य, 2017 से पहले रामपुर में थी हनक

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रामपुर

हेट स्पीच मामले में अपनी विधायकी गंवाने वाले सपा के कद्दावर नेता आजम खान अक्सर विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मिलक थाने में भड़काऊ भाषण मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें कोर्ट ने उन्हें तीन साल की कैद और जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई थी। जिसके बाद उनकी विधायकी छिन गई। यहां तक की आजम खान अब वोट भी नहीं कर पाएंगे, क्योंकि भाजपा प्रत्याशी की ही शिकायत के बाद वोटर लिस्ट से उनका नाम भी काट दिया गया है। भड़काऊ भाषण के इसी मामले की वजह से उनका सियासी भविष्य खतरे में नजर आ रहा है। यह कोई पहली बार नहीं था। पहले भी आजम खान के बयान देश में चर्चा का विषय बनते रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही आजम खान की मुश्किलें बढती गईं। यहां तक की उनका राजनैतिक भविष्य भी डगमगा गया है।

आजम खान की दिक्कतें बढ़ना तब शुरू हुईं, जब विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी बने आकाश सक्सेना ने आजम खान के खिलाफ आवाज बुलंद की। उन्हें अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र, दो पैनकार्ड, दो पासपोर्ट समेत तमाम मसलों पर घेरा। यही नहीं आजम खान, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातिमा और स्वार विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ भी मुकदमे दर्ज कराए। यह तो बस शुरुआत थी। इसके बाद यतीमखाना प्रकरण, जौहर यूनिवर्सिटी में शत्रु संपत्ति और किसानों की जमीनें कब्जाने के मामले में मुस्लिम समाज के लोगों ने ही मुकदमे दर्ज कराना शुरू करा दिए। डूंगरपुर प्रकरण समेत 2017 से लेकर अब तक आजम खान के खिलाफ करीब 90 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इनमें से सिर्फ एक मामले में अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। बाकी, मामले अभी लंबित हैं।

क्या था डूंगरपुर प्रकरण
डूंगरपुर बस्ती में रहने वाले लोगों ने सपा नेता आजम खान और कुछ सपाइयों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए थे। जिनमें आजम खान पर आरोप लगाया था कि उनके इशारे पर बस्ती के लोगों से मारपीट, लूटपाट कर उनके मकानों को ध्वस्त कर दिया गया था। जिसमें आजम खान समेत कई सपाई आरोपी हैं। इस मामले में गंज थाने में 12 मुकदमे दर्ज किए गए थे। जिसमें सभी मामलों में आजम खान की जमानत मंजूर हो चुकी है।

क्या था यतीमखाना प्रकरण
शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला सराय गेट के निकट स्थित यतीमखाना बस्ती को वर्ष 2016 में जबरन खाली कराया गया था। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। इसके बाद भाजपा सरकार आने पर वर्ष 2019 में बस्ती के लोगों ने शहर कोतवाली में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे। जिसमें आजम खान के इशारे पर बस्ती में बने मकानों को ढहाने, भैंस और बकरी चोरी जैसे मामले दर्ज हुए थे।

संकट में क्यों हैं आजम खान का राजनीतिक भविष्य
सपा नेता आजम खान का राजनीतिक भविष्य संकट में है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि आजम खान अक्सर बीमार रहते हैं। वहीं, आजम खान को तीन साल की सजा हुई है, जबकि आगे के छह साल तक वह कोई चुनाव नहीं लड़ सकते। लिहाजा, उनकी बढ़ती उम्र और गिरती सेहत को लेकर लोगों का मानना है कि आजम खान का राजनीतिक भविष्य खतरे में है।

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