नई दिल्ली
6 दिसंबर, 1992 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुए बाबरी मस्जिद के विध्वंस को लेकर आमतौर पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक संदर्भ नहीं दिया जाता। इसको लेकर किसी टिप्पणी से भी परहेज किया जाता है। इस बीच एक अलग रुख सामने आया है। केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने मंगलवार 6 दिसंबर यानी बाबरी विध्वंस वाले दिन को ‘शौर्य दिवस’ के रूप में याद किया। उन्होंने राम भक्तों को शुभकामनाएं दी और राम मंदिर आंदोलन में बलिदान होने वालों को नमन भी किया।
Twitter पर केंद्रीय मंत्री ने बताया राम मंदिर की नींव रखने वाला दिन
केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश से आने वाले सीनियर बीजेपी (BJP) नेता प्रह्लाद सिंह पटेल ने 6 दिसंबर को अपने आधिकारी ट्विटरहैंडल पर लिखा, ‘सभी रामभक्तों को शौर्य दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। उन सभी कारसेवकों, रामभक्तों को नमन जिन्होंने आयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बलिदान दिया।’ ट्वीट में उन्होंने जो पोस्टर शेयर किया है उसपर लिखा है, ‘राम मंदिर की नींव रखने वाले दिन शौर्य दिवस की आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं।’
मोदी सरकार में मंत्री पटेल के ट्वीट के बाद लोगों ने मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। हालांकि समर्थकों- प्रशंसकों ने ट्वीट के रिप्लाई में ज्यादा भागीदारी की है। पटेल के ट्वीट को लोगों ने स्वाभिमान से भी जोड़ा है। वहीं कुछ यूजर्स ने इसे सही नहीं बताया। लोगों ने लिखा कि अब ज्यादातर बीजेपी नेता भी इस बारे में कमेंट करने से बचते हैं। वहीं, कुछ लोगों ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की तस्वीरें शेयर कर उन्हें शुभकामनाएं दी।
Ayodhya में 30 साल बाद क्या है हाल
यूपी के अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को विवादित बाबरी ढांचे को कारसेवकों ने ढाह दिया था। लंबी कानूनी प्रक्रियाओं के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला दे दिया। अयोध्या में यह मामला लगभग खत्म हो चुका है। हालांकि 30 साल बाद भी इस घटना की बरसी पर कुछ छिटपुट घटनाओं के कार उत्तर प्रदेश की पुलिस को अयोध्या में कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था करनी पड़ती है। हालांकि अयोध्या की घटना को लेकर पक्ष विपक्ष के कई संगठन शौर्य दिवस और काला दिवस का आयोजन करते हैं।