नई दिल्ली
दिल्ली कमीशन फॉर वुमेन (DCW) की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल की मुश्किलों में और ज्यादा इजाफा होता दिख रहा है। दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट ने उनके खिलाफ चार्ज फ्रेम कर दिए हैं। स्वाति के साथ प्रोमिला गुप्ता, सारिका चौधरी और फरहीन भी इसमें आरोपी हैं। मामला कमीशन में भरती से जुड़ा है।
राउज एवेन्यु कोर्ट के स्पेशल जज दिग विनय सिह ने अपनी टिप्पणी में कहा कि स्वाति मालीवाल के खिलाफ कई सारे तथ्य हैं। मामले में प्रोमिला गुप्ता, सारिका चौधरी और फरहीन को भी आरोपी बनाया गया है। मालीवाल के खिलाफ ये मामला DCW में की गई भरतियों से जुड़ा है। आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर मालीवाल ने कमीशन में भरतियां कर डालीं। बाकी आरोपियों ने उनका साथ दिया। कोर्ट का कहना था कि पहली नजर में देखने पर मालूम हो रहा है कि मालीवाल समेत बाकी आरोपियो के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं।
मालीवाल के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के साथ क्रिमिनल मिसकंडक्ट ऑफ पब्लिक सर्वेंट का भी आरोप लगाया गया है। कोर्ट का कहना था कि मालीवाल ने कायदे कानून को दरकिनार कर अपने नजदीकी लोगों को कमीशन में भरती किया। उनका ये काम सरासर गलत है। कमीशन को सरकार से फंड मिलता है। लिहाजा उन्हें जनता के पैसे का ध्यान रखकर योग्य लोगों को नौकरी पर रखना चाहिए था।
स्वाति मालीवाल के खिलाफ एंटी करप्शन ब्रांच में ये मामला बीजेपी की नेता व DCW की पूर्व चेयरपर्सन बरखा सिंह ने दर्ज कराया था। ACB ने अपनी जांच पूरी करके चारों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। चारों पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपनी पोजीशन का दुरुपयोग करके साजिश रची और मनमाने तरीके से भरतियां कर डालीं।
6 अगस्त 2015 से लेकर 1 अगस्त 2016 तक कमीशन में कुल 90 नियुक्तियां की गईं। इनमें से 71 लोगों को अनुबंध के आधार पर रखा गया जबकि बाकी की नियुक्ति डायल 181 में की गई। तीन नियुक्तियों को लेकर कोई भी रिकार्ड नहीं मिला। कमीशन ने अपने जवाब में कहा कि ये नियुक्तियां सरकार को करनी थीं। लेकिन समय पर नहीं हो सकी तो उसने किया। कोर्ट का कहना था कि ये तर्क गले से नीचे नहीं उतर रहा।