आजमगढ़
आजमगढ़ से भारतीय जनता पार्टी के सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने लोकसभा में तवांग में चीनी सैनिकों की घुसपैठ और भारतीय सेना के पलटवार के बाद मचे संग्राम के बीच बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एक बार फिर अहीर रेजिमेंट की मांग छेड़ दी है। दरअसल, इस समय देश में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीन की सेना से भारतीय सैनिकों की झड़प का मुद्दा गरमाया हुआ है। इस मामले को लेकर संसद में यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है। गुरुवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान आजमगढ़ के सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने इस मामले पर अपना भाषण दिया। भाषण में उन्होंने चीन पर करारा हमला भी बोला। निरहुआ के अहीर रेजिमेंट की मांग के बाद सवाल यह उठने लगा है कि क्या भारत सरकार उनकी मांग पर कोई ध्यान देगी।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान दिनेश लाल यादव निरहुआ ने अहीर रेजिमेंट की मांग उठा दी। उन्होंने कहा है कि अहीर रेजिमेंट की मांग लंबे समय से चल रही है। सेना में सभी जाति, धर्म, संप्रदाय और राज्य के योगदान और बलिदान को ध्यान में रखते हुए रेजिमेंट का निर्माण किया गया है। जाति, धर्म, संप्रदाय और राज्यों के आधार पर रेजिमेंट की मांग की गई है। इसको देखते हुए अहीर रेजिमेंट की मांग को बिल्कुल जायज बताया गया है। निरहुआ ने संसद में सरकार से मांग की कि अहीर रेजिमेंट का गठन जल्द से जल्द किया जाए।
निरहुआ ने कहा कि मैं सरकार से निवेदन करता हूं कि सेना में जल्द से जल्द अहीर रेजिमेंट का गठन किया जाए। निरहुआ ने जोर देते हुए कहा कि जिस दिन अहीर रेजिमेंट का गठन होगा, उस दिन चाइना की रूह कांप जाएगी। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि चीन को रेजांगला चौकी पर 1962 के युद्ध का संस्मरण अब तक है। कैसे 162 अहीर जवानों ने 3000 से अधिक सैनिकों को मार गिराया था। यह इतिहास है। चीन ने भी इस घटना को हमेशा याद किया है।
निरहुआ ने चीन को करारा जवाब देने के लिए इस पुरानी मांग पर एक बार फिर चर्चा की है। अभी इस मामले की चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि पिछले दिनों जमकर बवाल हुआ है। अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भारतीय सेना के जवानों ने चीनी सैनिकों के घुसपैठ के प्रयास को विफल कर दिया था। इस दौरान दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई थी। इस मामले को लेकर संसद में पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान भी दिया है। वहीं, चीनी पक्ष की ओर से भी बयान आ चुका है।