नई दिल्ली
रेलगाड़ी में पानी की बोतल बिकते आपने भी देखा होगा। रेलवे ने पानी के एक लीटर वाले बोतल की कीमत 15 रुपये तय कर रखा है। इससे ज्यादा कीमत पर बेचने की मनाही है। इसे रेलवे के कुछ कैटरिंग ठेकेदार नहीं मानते हैं। उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता है। ऐसा ही कुछ हुआ पिछले दिनों हरियाणा के अंबाला डिवीजन में। वहां एक कैटरिंग ठेकेदार को पानी की बोतल पर पांच रुपये ज्यादा वसूलने की वजह से एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
क्या है वाकया
यह घटना चंडीगढ़ से लखनऊ जाने वाली 12232 सुपरफास्ट एक्सप्रेस की है। उस ट्रेन में पेंट्री कार की सुविधा नहीं है। इसलिए उसमें इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन के अधिकृत लाइसेंसी ठेकेदार ऑन बोर्ड वेंडिंग करते हैं। उसी ट्रेन में पिछले दिनों एक यात्री चंडीगढ़ से शाहजहांपुर जा रहा था। उसने आईआरसीटीसी के अधिकृत वेंडर से रेल नीर की एक बोतल खरीदी। इसकी कीमत 15 रुपये के बजाए 20 रुपये वसूली गई। इसकी शिकायत यात्री ने ट्वीटर पर की। साथ ही उस वेंडर का एक वीडियो भी अपलोड कर दिया।
शिकायत पर हुई गिरफ्तारी
इस शिकायत पर उत्तर रेलवे तुरत हरकत में आई और उस ट्रेन में वेंडिंग करने वाले ठेकेदार को ढूंढा गया। पता चला कि उस चंडीगढ़ लखनऊ सुपरफास्ट एक्सप्रेस में लाइसेंस प्राप्त ठेकेदार उत्तर प्रदेश के गोंडा का चंद्र मौली मिश्रा है। उसके मैनेजर रवि कुमार को रेलवे अधिनियम की धारा 144(1) के तहत लखनऊ में गिरफ्तार किया गया। फिर उस वेंडर पर जुर्माना लगाने के लिए अंबाला के मंडल रेल प्रबंधक (DRM) मनदीप सिंह भाटिया से सिफारिश की गई।
अंबाला के डीआरएम ने की कार्रवाई
अंबाला डिवीजन के सीनियर डीसीएम हरि मोहन के हवाले से खबर आई है कि इसकी घटना की जांच की गई। इसमें आरआरसीटीसी के रीजनल मैनेजर को भी तलब किया गया। जांच में कैटरिंग ठेकेदार के दोषी पाया गया। इसके बाद अंबाला के डीआरएम मनदीप सिंह भाटिया ने उस ठेकेदार पर एक लाख रुपये का जुर्माना ठोक दिया।