अफगानिस्तान में NGO में काम नहीं करेंगी महिलाएं, तालिबान ने जारी किया आदेश

नई दिल्ली,

अफगानिस्तान में महिलाओं की पढ़ाई के बाद अब तालिबान ने एक और फरमान जारी किया है. तालिबान ने घरेलू और बाहरी एनजीओ को आदेश दिया है कि काम करने वाली महिलाओं को सस्पेंड करें. इससे पहले तालिबान ने युवती और महिलाओं के लिए संचालित यूनिवर्सिटीज को बंद करने की घोषणा की थी.

अफगानिस्तान ने बीते दिनों महिलाओं के खिलाफ सख्त आदेश जारी किया था, जिसमें महिलाओं के लिए यूनिवर्सिटी बंद करने की घोषणा की गई थीं. उच्च शिक्षा मंत्री के एक पत्र के अनुसार, तालिबान ने अफगानिस्तान में युवती और महिलाओं के लिए संचालित यूनिवर्सिटीज को बंद करने की घोषणा की है. रिपोर्ट के मुताबिक, अफगान के मंत्री का कहना है कि यह आदेश अगली सूचना तक लागू है और इसके तुरंत प्रभाव से लागू होने की उम्मीद है.

महिलाएं के लिए यूनिवर्सिटी में एंट्री बैन
तालिबान के नए आदेश के बाद देशभर में किसी भी युवती या महिला को यूनिवर्सिटी में एंट्री नहीं मिल सकेगी. तीन महीने पहले ही पूरे अफगानिस्तान में हजारों लड़कियों और महिलाओं ने विश्वविद्यालयों में आयोजित एडमिशन टेस्ट दिया था.इससे पहले तालिबान ने अफगान पर कब्जा करने के बाद महिलाओं और युवतियों की शिक्षा को लेकर फरमान जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि पुरुषों के स्कूलों में महिला व युवती नहीं पढ़ सकेंगी. साथ ही इन्हें महिला टीचर ही पढ़ा सकेंगे.

महिलाओं के खिलाफ कई कानून लागू
गौरतलब है कि सरकार बनाने के बाद से ही तालिबान को दुनिया के कई देशों ने सरकार का दर्जा नहीं दिया. उसे आतंकी संगठन मानते हैं, जिसके चलते कई देशों ने अफगान पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हुए हैं. तालिबान ने देश में इस्लामी कानून लागू कर रखा है और महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लागू किए हुए हैं. जिसमें पार्कों, जिमों में महिलाओं की एंट्री पर बैन, काम करने पर बैन आदि शामिल हैं.

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