साउथ फिल्मों की स्टार रहीं जयसुधा अब एक राजनेता भी हैं। उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म ‘सूर्यवंशम’ में भी काम किया था। जयसुधा कई दशक से साउथ फिल्मों का हिस्सा हैं। लेकिन उन्हें इस बात का मलाल है कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई सम्मान नहीं मिला। जयसुधा ने हाल ही दिए एक इंटरव्यू में बातों-बातों में सरकार पर तंज कसा। जयसुधा ने कहा कि कंगना रनौत ने 10 फिल्मों में काम किया है और इसके बावजूद उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। लेकिन साउथ के एक्टर्स ने उनसे भी ज्यादा काम किया है और बावजूद इसके उन्हें वह सम्मान नहीं मिलता। जयसुधा ने कहा कि सरकार साउथ के एक्टरों को खास तवज्जो नहीं देती।
Jayasudha हाल ही साउथ के सुपरस्टार नंदकुमारी बालकृष्ण के टॉक शो Unstoppable में शामिल हुई थीं। इस शो में उन्होंने साउथ और बॉलीवुड के बीच किए जाने वाले भेदभाव के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘मैं Kangana Ranaut को पद्म श्री दिए जाने का सपोर्ट करती हूं। वह कमाल की एक्ट्रेस हैं। लेकिन उन्हें यह सम्मान महज 10 फिल्में करने पर ही मिल गया। और यहां हमने इतनी सारी फिल्मों में काम किया है। बावजूद इसके सरकार हमें तवज्जो नहीं देती।’
जयसुधा का दुख- साउथ के स्टार्स को सम्मान नहीं मिलता
जयसुधा ने आगे कहा, ‘यहां तक कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज महिला डायरेक्टर विजया निर्मला को भी इतनी सराहना नहीं मिली है। कभी-कभी मुझे बुरा लगता है कि सरकार साउथ की सराहना नहीं करती। मालूम हो कि विजया निर्मला 44 फिल्में डायरेक्ट करने वालीं दुनिया की एकमात्र फीमेल डायरेक्टर रहीं। इस वजह से उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया था। विजया निर्मला, एक्टर महेश बाबू की सौतेली मां रहीं।
जया प्रदा बोलीं- बिना मांगे मिले सम्मान
इस शो में एक्ट्रेस जया प्रदा भी मौजूद थीं। उन्होंने भी जयसुधा का सपोर्ट करते हुए कहा कि उन्हें सरकार से सम्मान आदर के साथ मिलना चाहिए न कि पूछे जाने पर। जया प्रदा ने साउथ के अलावा कई बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया। पिछले कुछ सालों पर नजर डालें तो साउथ की कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई हैं, जिन्होंने न सिर्फ बंपर कमाई की, बल्कि बॉलीवुड की भी हालत पतली कर दी। ‘केजीएफ’, ‘केजीएफ 2’, ‘पुष्पा: द राइज’, ‘कांतारा’, ‘विक्रम’ और ‘आरआरआर’ जैसी ढेरों साउथ की फिल्मों के आगे बॉलीवुड की एक भी फिल्म नहीं टिक पाई। अब तो हिंदी ऑडियंस की दिलचस्पी भी बॉलीवुड के मुकाबले साउथ की फिल्मों में ज्यादा बढ़ गई है।