20.1 C
London
Wednesday, July 2, 2025
Homeराष्ट्रीयनेताओं की बदजुबानी पर सुप्रीम कोर्ट ने खींच दी लकीर, जानिए बड़े...

नेताओं की बदजुबानी पर सुप्रीम कोर्ट ने खींच दी लकीर, जानिए बड़े फैसले की चार बड़ी बातें

Published on

नई दिल्ली

सार्वजनिक पदों पर बैठे मंत्री, सांसद और विधायकों के गैरजिम्मेदार बयान मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। 4:1 के बहुमत से अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा कि सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर संविधान के अनुच्छेद 19 (2) में दी गई शर्तों के अलावा अतिरिक्त प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। दरअसल, समाजवादी पार्टी (एसपी) नेता आजम खान के बुलंदशहर गैंगरेप मामले पर दिए गए बयान के बाद कई संवैधानिक सवाल उठाए गए थे जिसपर शीर्ष अदालत सुनवाई कर रही थी।

जस्टिस एस ए नजीर की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ में जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और जस्टिस बी वी नागरत्ना शामिल थे। जस्टिस नागरत्ना ने बहुमत से अलग फैसला दिया। उन्होंने अपने फैसले में कहा कि राजनीतिक पार्टियों को अपने सदस्यों के भाषण पर कंट्रोल करना चाहिए क्योंकि हेट स्पीच संविधान के मूलभूत मूल्यों पर हमला करता है। मंत्री द्वारा दिए गए बयान को सरकार को परोक्ष तौर पर उत्तरदायी मानते हुए जस्टिस ने कहा कि हेट स्पीच संविधान के मूल जैसे स्वतंत्रता, समानता और भाइचारे के उद्देश्य पर हमला करता है।

सुप्रीम कोर्ट ने इन 4 सवालों का दिया जवाब
-क्या अनुच्छेद-19 (1) के तहत विचार अभिव्यक्ति की आजादी और अनुच्छेद- 19 (2) के तहत वाजिब रोक के अलावा सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए अतिरिक्त प्रतिबंध लगाया जा सकता है? अगर हां तो वह किस हद तक हो?
-शीर्ष अदालत ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी पर नियंत्रण के लिए अनुच्छेद 19 (2) ही पर्याप्त है। अनुच्छेद 19 (2) में दिए गए नियंत्रणों के अलावा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अतिरिक्त प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है।
-अनुच्छेद-21 को राज्य के तहत शामिल न किए गए शख्स या प्राइवेट संस्थान के खिलाफ लागू हो सकता है?
-सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य या उसके तंत्र के अलावा भी व्यक्ति के खिलाफ अनुच्छेद 19 या अनुच्छेद 21 के मौलिक अधिकार को लागू किया जा सकता है।

-अगर मामला उच्च पद पर बैठे व्यक्ति से संबंधित हो तो क्या अतिरिक्त प्रतिबंध हो सकता है?
-सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि किसी सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए पहले से तय प्रतिबंध के अलावा अन्य तरह के प्रतिबंध नहीं लगाए जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि मंत्री के बयान अगर सरकार के फेवर का ही क्यों न हो उसे परोक्ष तौर पर सरकार के साथ नहीं जोड़ा जा सकता।

-क्या मंत्री के बयान के खिलाफ संवैधानिक उल्लंघन मानकर कार्रवाई की जा सकती है?
-शीर्ष अदालत ने कहा कि मंत्री का बयान अगर संविधान के भाग 3 में मिले अधिकार से असंगत है तो उसे संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन नहीं मान सकते हैं और न ही उसे संविधान के खिलाफ मानकर कोई कार्रवाई हो सकती है। पर उस बयान के आधार पर कोई अधिकारी कार्रवाई करता है या कार्रवाई करने से मना करता है, जिससे किसी नागरिक को नुकसान होता है, तो वहां कार्रवाई हो सकती है।

गीता ज्ञान, मोतियों की बात… मंत्री, विधायक और सांसदों को सुप्रीम कोर्ट ने दी सीख
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने फैसले में कहा था कि अनुच्छेद 21 के तहत किसी व्यक्ति को प्रदत्त अधिकारों की रक्षा करना राज्य का कर्तव्य है और स्वतंत्रता के अधिकार पर खतरा होने, यहां तक कि राज्येतर तत्वों से खतरा होने पर भी, उसकी रक्षा राज्य का जिम्मा है। जस्टिस एस. ए. नजीर की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने सरकारी पदाधिकारियों/अधिकारियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणी की। न्यायालय ने कहा कि ऐसे तमाम उदाहरण हैं जहां सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 32 के तहत राज्येतर तत्वों के खिलाफ रिट जारी किया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह प्रमुख रूप से दो श्रेणियों में बंटा हुआ है… सरकारी काम कर रहे निजी व्यक्ति, या वैधानिक गतिविधियों में शामिल राज्येतर तत्वों के कारण नागरिकों के अधिकारों का हनन।

Latest articles

बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल बने भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष

भोपालबैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल बने भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष,बैतूल विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल...

भेल में प्रशासनिक फेरबदल 

भेलभेल भोपाल यूनिट में प्रशासनिक फेरबदल किया गया है l विभागों में फेरबदल...

Fatty Liver Causes: फैटी लीवर से बचना है तो इन चीज़ों से करें परहेज़ हकीम सुलेमान ख़ान के ख़ास नुस्ख़े

Fatty Liver Causes: लिवर की बीमारियों के पीछे सबसे बड़ा कारण हमारी खराब लाइफस्टाइल...

More like this

यमुनोत्री हाईवे पर बादल फटा 9 मज़दूर लापता सड़कें बंद बचाव कार्य जारी

यमुनोत्री हाईवे पर बादल फटा 9 मज़दूर लापता सड़कें बंद बचाव कार्य जारी,उत्तराखंड में...

Weather Forecast: 29 जून 2025 को देश के 27 राज्यों में बारिश का अलर्ट, गुजरात-उत्तराखंड में ऑरेंज चेतावनी

Weather Forecast: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के ताज़ा पूर्वानुमान के अनुसार 29 जून...