किसान आंदोलन में साथ देने के आरोप में एयरपोर्ट से लौटाया था, अब दिया प्रवासी भारतीय सम्मान

चंडीगढ़

अमेरिका में रहने वाले NRI दर्शन सिंह धालीवाल, जिन्हें अक्टूबर 2021 की रात को दिल्ली एयर पोर्ट से किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए वापस भेज दिया गया था अब उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान दिया जा रहा है। धालीवाल ने मंगलवार को कहा कि वह बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं और इस वर्ष प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार के 21 प्राप्तकर्ताओं में नाम शामिल होने पर उत्साहित हैं।

गौरतलब है कि प्रवासी भारतीय सम्मान प्रवासी भारतीयों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान होता है। 72 वर्षीय दर्शन सिंह धालीवाल को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयर पोर्ट से वापस भेज दिया गया था, जब उन्होंने तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के लिए लंगर की व्यवस्था की थी। धालीवाल ने मंगलवार को फोन पर द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “जब मुझे वापस भेजा गया तो मैं निराश नहीं हुआ। मैं सर्वशक्तिमान के सामने झुकता हूं और विश्वास करता हूं कि वह जो कुछ भी करता है वह हमेशा अच्छे के लिए होता है।”

दर्शन सिंह धालीवाल ने कहा कि उन्होंने किसानों के लिए लंगर आयोजित करने का फैसला यह देखने के बाद किया कि वे किस स्थिति से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनों में शामिल नहीं था। NRI बिजनेसमैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा, “उन्होंने देश के लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने सिखों के लिए कई बड़े काम किए और मैं कामना करता हूं कि वह ऐसा करते रहें।”

जानकारी के मुताबिक, अवार्ड के लिए धालीवाल का चयन किसान आंदोलन खत्म होने के बाद सरकार द्वारा सिख समुदाय से किए गए समझौते का एक हिस्सा था। भारतीय अमेरिकी समुदाय के एक प्रभावशाली सदस्य दर्शन सिंह धालीवाल ने शिकागो में कुछ कार्यक्रमों की मेजबानी की थी, साथ ही भारतीय पदाधिकारियों द्वारा भी एक आउटरीच अभ्यास किया गया था।

सूत्रों का कहना है कि यह पुरस्कार उस आउटरीच का नतीजा है। सूत्रों ने कहा कि धालीवाल का नाम जूरी और पुरस्कार समिति द्वारा तय किया गया था, जिसकी अध्यक्षता उपाध्यक्ष के रूप में विदेश मंत्री करते हैं। पैनल ने सर्वसम्मति से अंतिम सूची का चयन किया।

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