नई दिल्ली,
राजधानी दिल्ली में जारी अधिकारों की लड़ाई के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी वीके सक्सेना से मुलाकात की है. उस मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम केजरीवाल ने जोर देकर कहा है कि एलजी दिल्ली की सरकार को काम करने से रोक रहे हैं.
सीएम केजरीवाल ने बताया कि उन्होंने एलजी के सामने सुप्रीम कोर्ट का आदेश रखा, हाई कोर्ट का ऑर्डर रखा, जोर देकर कहा कि वे दिल्ली सरकार के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं. लेकिन केजरीवाल के मुताबिक एलजी सिर्फ ये कहते रहे कि वे सुप्रीम हैं, उनके पास पूरी ताकत है. यहां तक दावा हुआ कि एलजी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सिर्फ एक राय बताया और कहा कि वे Administrator हैं और संविधान के मुताबिक एक Administrator के पास पूरी ताकत रहती है.
केजरीवाल का एलजी पर निशाना
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि एलजी द्वारा दिल्ली के विकास को बाधित किया जा रहा है. उनके पास जो पॉवर नहीं है, वे उसका इस्तेमाल कर भी कई फैसलों को रोकने का काम कर रहे हैं. इस बारे में केजरीवाल ने कहा कि एमसीडी चुनावों से पहले हर विभाग की सैलरी रोकी गई थी, वो गलत था. इसी तरह उनकी तरफ से जो 10 एल्डर मैन नियुक्त किए गए, उसकी ताकत भी उनके पास नहीं थी. मीडिया से बातचीत के दौरान सीएन ने ये भी साफ कहा कि Administrator शब्द तो हर जगह लिखा हुआ है, फिर चाहे वो दिल्ली का कोई कानून हो या फिर संविधान, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वे हर मामले में हस्तक्षेप करेंगे. अगर इस तरह से देखा जाए तो दिल्ली सरकार के पास तो कोई ताकत ही नहीं बचेगी.
टीचरों को फिनलैंड भेजने वाला विवाद
अब इस समय दिल्ली में टीचरों के फिनलैंड जाने पर भी विवाद चल रहा है. एलजी से इसकी हरी झंडी नहीं मिली है. इस विवाद पर केजरीवाल ने कहा है कि जब कोई नेता जी20 के लिए विदेश जाता है तो कोई दिक्कत नहीं, यहां तो शिक्षकों को फिनलैंड भेजा जा रहा है, इसमें क्या दिक्कत है. बच्चों का अच्छा भविष्य बनेगा, तभी तो राष्ट्र मजबूत होगा. एलजी को कोर्ट के आदेश का सम्मान करना चाहिए.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आधार बनाकर यहां तक कह दिया कि एलजी द्वारा लिए गए कई फैसले असंवैधानिक हैं. फिर चाहे वो 164 करोड़ की वसूली वाला आदेश हो, टीचरों को फिनलैंड जाने से रोकना हो या फिर योगा क्लास बंद करना रहा हो.