नई दिल्ली
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा है कि चीन ने भारत की जमीन पर 1962 में कब्जा किया था। यह दूसरी बात है कि विपक्ष यह बताता नहीं है। इस बात को ऐसे दिखाया जाता है जैसे कि यह कल परसो की बात हो। उन्होंने राहुल का नाम लिए बगैर तंज कसते हुए कहा कि मैं चीनी एंबेसडर को बुलाकर अपनी खबर के लिए नहीं पूछता। इसके साथ ही उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और हनुमान को सबसे बड़ा डिप्लोमैट करार दिया।
विदेश मंत्री पुणे में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने भारत की जमीन पर चीन के कब्जे को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दिया। वह बोले, ‘अगर किसी जमीन की बात करते हैं तो ये जमीन 1962 में चीन ने कब्जा किया था, वे (विपक्ष) आपको बताते नहीं हैं, वे ऐसे दिखाएंगे ये कल परसो हुआ है।’
फिर जयशंकर ने बिना नाम लिए राहुल पर तंज कसा। जयशंकर बोले, ‘कभी-कभी लोग कहते हैं कि आप की सोच में कमी है। बेशक, मेरी सोच में कमी हो सकती है। अगर मेरी सोच में कमी है तो मैं अपनी फौज या इंटेलिजेंस से बात करूंगा। मैं चीनी एंबेसडर को बुलाकर अपनी खबर के लिए नहीं पूछता।’
रामायण और महाभारत का जिक्र करते हुए जयशंकर बोले, ‘भारत के सबसे बड़े डिप्लोमेट भगवान श्रीकृष्ण और हनुमान थे। भगवान हनुमान तो मिशन से भी आगे बढ़ गए थे। वह मल्टी पर्पज डिप्लोमैट थे। महाभारत की कहानी नियमों का उल्लंघन करने वालों की कहानी है। पांडवों की छवि कौरवों से अच्छी थी।’
विदेश मंत्री ने कहा कि अगर आप पिछले 9 सालों को देखें तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि आज की सरकार और राजनीति ज्यादा राष्ट्रवादी है। उन्हें नहीं लगता कि इसमें खेद की कोई बात है। उन्हीं राष्ट्रवादी लोगों ने विदेश में देशों की मदद की है और अन्य देशों में आपदा की स्थिति में आगे आए हैं।
जयशंकर बोले, ‘अगर आप विदेशी समाचार पत्र पढ़ें तो वे हिंदू राष्ट्रवादी सरकार जैसे शब्दों का उपयोग करते हैं। अमेरिका या यूरोप में वे ईसाई राष्ट्रवादी नहीं कहेंगे। ये विशेषण हमारे लिए आरक्षित हैं। वे यह नहीं समझते हैं कि भारत दुनिया के साथ ज्यादा कुछ करने के लिए तैयार है।