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Wednesday, December 3, 2025
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सरकार ने बैन किए 230 चाइनीज ऐप्स और लिंक, भारतीयों को बना रहे थे कर्जदार

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नई दिल्ली

चीन भारत को कमजोर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। उसकी तरफ से भारत में अवैध लोन ऐप्स और जुआखोरी का धंधा चलाया जा रहा था, जिस पर भारत सरकार ने डिजिटल स्ट्राइक कर दी है। मोदी सरकार की तरफ से करीब 230 चीनी ऐप्स को बैन करने का फरमान जारी किया गया है। इसमें 138 जुआखोरी के लिंक्स शामिल हैं। जबकि 94 लोन ऐप्स शामिल हैं। इस सभी चीनी ऐप्स और लिंक्स को तत्काल प्रभाव से बैन करने का निर्देश दिया गया है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) की तरफ के गृह मंत्रालय को चीनी ऐप्स को बैन करने का सुझाव दिया गया था। जिसे गृह मंत्रालय की तरफ से मंजूरी दे दी गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने करीब 6 माह पहले 288 चीनी ऐप्स की जांच की थी। इसमें पता चला कि ये ऐप्स भारतीय नागरिकों के निजी डेटा की चोरी कर रहे हैं। इसके बाद सरकार ने आईटी अधिनियम की धारा 69 के तहत चीनी ऐप को बैन किया गया है, जो भारत की की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचा रहे थे।

चीन भारतीयों के चीनी ऐप्स के जरिए अपने कर्ज के जाल में फंसाता था। चीनी ऐप्स सस्ते में भारतीयों को कर्ज उपलब्ध करा रहे थे। वही कर्ज की वसूली करने के नाम पर जबरन वसूली और उत्पीड़न करते थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ऐप चीनी नागरिकों के दिमाग की उपज हैं, जिन्होंने भारतीयों को काम पर रखा और फिर उन्हें इन ऐप्स को चलाने की जिम्मेदारी दी। रिपोर्ट की मानें, तो चीनी ऐप्स मुश्किल में फंसे लोगों को कर्ज लेने का लालच देते थे फिर उनसे सालाना 3,000 फीसदी तक ब्याज लेते थे।यह मामला उस वक्त सामाने आया, जब आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के कई लोगों ने कर्ज वसूली से तंग आकर जान दे दी थी। इन सभी मृतकों ने बेटिंग ऐप्स से लोन लिया हुआ था।

ऐप्स के पीछे छिपी चीन की बड़ी साजिश
जानकारी के मुताबिक, चीन इन ऐप्स के जरिए बड़ी साजिश रचने की फिराक में लगा था। भारत में इन ऐप को ऑपरेट करने के लिए भारतीयों को काम पर रखा गया है और कंपनी में निदेशक बनाया गया है। इनपुट्स के मुताबिक, लोगों को कर्ज लेने का लालच दिया जाता है और फिर सालाना 3,000 फीसदी तक ब्याज बढ़ा दिया जाता था। जब कर्जदार ब्याज चुकाने में असमर्थ हो गए तो इन ऐप्स के लिए काम करने वाले लोगों ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। कर्जदारों को धमकी भरे संदेश भेजे गई। पीड़ितों की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ करके सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की धमकी दी गई। यह मामला विशेष रूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उन लोगों के सुसाइड के बाद सामने आया, जिन्होंने ऐप्स के जरिए सट्टेबाजी में अपने पैसे गंवा दिए। सूत्रों ने कहा कि तेलंगाना, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के साथ-साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने तब केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। इन सूचनाओं के आधार पर गृह मंत्रालय ने छह महीने पहले 28 चीनी ऋण देने वाले ऐप का विश्लेषण शुरू किया था।

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