18.5 C
London
Wednesday, July 2, 2025
Homeराजनीतिजैसे राहुल ने अदाणी के खिलाफ खोल रखा है मोर्चा, वैसे फिरोज...

जैसे राहुल ने अदाणी के खिलाफ खोल रखा है मोर्चा, वैसे फिरोज गांधी ने 1955 में उठाया था डालमिया का मुद्दा

Published on

नई दिल्ली

हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट से अडानी समूह की कंपनी के शेयरों का बाजार मूल्य आधा हो गया है। राहुल गांधी ने संसद में अडानी का नाम सत्ताधारी दल (BJP) और उसके बड़े नेता नरेंद्र मोदी से जोड़ते हुए कई आरोप लगाए हैं। इस घटनाक्रम से कई दशक पहले राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी ने संसद में एक भाषण दिया था, जिसके परिणामस्वरूप टाटा और बिड़ला के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक घराना आर्थिक रूप से धराशायी हो गया था।

क्या हुआ था?
6 दिसंबर 1955 को फिरोज गांधी ने संसद में डालमिया-जैन या डीजे समूह के रूप में जाने जाने वाले भारत का तीसरे सबसे बड़े व्यापारिक घराने का पर्दाफाश किया था। फिरोज गांधी ने डीजे समूह द्वारा किए गए वित्तीय हेरफेर को उजागर किया था। तब फिरोज गांधी उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा सांसद थे और केंद्र में उनकी पार्टी की सरकार थी। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे, जो रिश्ते में फिरोज गांधी के ससुर थे।

अडानी की तरह ही बढ़ रहा था डालमिया ग्रुप
अडानी की तरह ही डीजे ग्रुप ने भी जमीन पर ठोस संपत्ति बनाकर शुरुआत की। आज जिस तरह अंबानी ने जामनगर और अडानी ने मुंद्रा बसाया। तब टाटा ग्रुप ने जमशेदपुर और डीजे ग्रुप ने बिहार में डालमियानगर बसाया था।डालमियानगर 3,800 एकड़ में फैला था। उसके परिसर में सीमेंट, चीनी, कागज, रसायन, वनस्पति, साबुन और एस्बेस्टस शीट बनाने वाली इकाइयां थीं। यहां तक कि उसका अपना बिजली घर और रेलवे भी था।

डीजे समूह के पास त्रिची (मद्रास), चरखी दादरी (दिल्ली के पास), डंडोट (लाहौर) और कराची में सीमेंट संयंत्र थे। इसके अलावा पटियाला में एक बिस्किट फैक्ट्री और बिहार के झरिया और बंगाल के रानीगंज क्षेत्रों में कोयला खदानें थीं। 1933 में डालमिया ने अपनी शुरुआत एक चीनी मिल से की थी।

फिरोज के खुलासे का क्या हुआ था असर?
फिरोज गांधी का खुलासा हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट की तरह ही था। फिरोज ने संसद में खुलासा करते हुए बताया था कि डालमिया जैन ग्रुप के संस्थापक रामकृष्ण डालमिया ने कंपनी के खातों में गड़बड़ी की, शेल कंपनियां बनाकर बड़े पैमाने पर पैसों को इधर से उधर किया है और संपत्ति इकट्ठा की है। इस खुलासे के बाद डालमिया ग्रुप से बाजार का भरोसा उठ गया और उसे भारी आर्थिक नुकसान हुआ। फिरोज गांधी का यह भी आरोप था कि डालमिया जैन ग्रुप ने पॉलिसीधारकों के पैसों का इस्तेमाल अपनी दूसरी कंपनियों की होल्डिंग बढ़ाने के लिए कर रहा है। इन खुलासों के बाद डालमिया जैन ग्रुप आर्थिक रूप से लगभग तबाह हो गया।

फिरोज गांधी के खुलासे के बाद देश में व्यवसाय करने वाली सभी 245 बीमा कंपनियों और प्रोविडेंट सोसायटियों का राष्ट्रीयकरण करते हुए एक अध्यादेश जारी किया गया था। इसके बाद 1 सितंबर, 1956 को संसद के एक अधिनियम के माध्यम से भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना की गई थी।

डीजे समूह और अडानी के बीच अंतर
डालमिया-जैन और अडानी मामलों के बीच एक बड़ा अंतर यह है कि डिजे समूह का तत्कालीन सरकार के साथ विशेष रूप से कोई संबंध नहीं था। नेहरू और रामकृष्ण डालमिया के बीच वैसा कोई संबंध नहीं था। फिरोज गांधी का हस्तक्षेप जाहिर तौर पर सत्तारूढ़ व्यवस्था के मदद के बिना नहीं था।

Latest articles

बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल बने भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष

भोपालबैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल बने भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष,बैतूल विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल...

भेल में प्रशासनिक फेरबदल 

भेलभेल भोपाल यूनिट में प्रशासनिक फेरबदल किया गया है l विभागों में फेरबदल...

Fatty Liver Causes: फैटी लीवर से बचना है तो इन चीज़ों से करें परहेज़ हकीम सुलेमान ख़ान के ख़ास नुस्ख़े

Fatty Liver Causes: लिवर की बीमारियों के पीछे सबसे बड़ा कारण हमारी खराब लाइफस्टाइल...

More like this

तेलंगाना BJP को बड़ा झटका विधायक टी राजा सिंह ने पार्टी से दिया इस्तीफ़ा, नेतृत्व विवाद की अटकलें तेज़

BJP : तेलंगाना में बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे...

MP BJP अध्यक्ष पद पर सस्पेंस ख़त्म होने वाला है 2 जुलाई को होगा बड़ा ऐलान

MP BJP: मध्य प्रदेश बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए पिछले 6 महीने...

Jitu Patwari FIR: जीतू पटवारी के ख़िलाफ़ FIR: अशोकनगर मामले में नया मोड़ युवक ने वीडियो वायरल करने का लगाया आरोप

Jitu Patwari FIR: मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के ख़िलाफ़ अशोकनगर के मुंगावली...