अफ्रीका में फैला खतरनाक मारबर्ग वायरस, 9 लोगों की मौत, टेंशन में आए डब्‍ल्‍यूएचओ ने तेज की निगरानी

मलाबो

अफ्रीकी देश इक्वेटोरियल गिनी में घातक मारबर्ग वायरस फैल गया है। यह मारबर्ग वायरस बहुत ही संक्रामक है और इबोला की तरह ही घातक है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इस संक्रमण को देखते हुए अपनी निगरानी को तेज कर दिया है। इस किलर वायरस की चपेट में आकर अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। डब्‍ल्‍यूएचओ ने मंगलवार को एक आपातकालीन बैठक बुलाई है ताकि वैक्‍सीन और इसके इलाज को लेकर चर्चा की जा सके। डब्‍ल्‍यूएचओ के अधिकारी जार्ज अमेह ने कहा, ‘इस क्षेत्र में निगरानी को बढ़ा दिया गया है।’

जार्ज ने कहा, ‘जैसाकि आप जानते हैं कि इसके संपर्क में आने वाले लोगों की तलाश करना, समस्‍या के हल के लिए जरूरी है। हमने कोविड 19 की टीम को फिर से तैनात किया है जो वहां पर संक्रमित लोगों की तलाश के लिए मौजूद थीं।’ डब्‍ल्‍यूएचओ ने संक्रमण से बचाव, केस मैनेजमेंट, प्रयोगशाला, हेल्‍थ इमरजेंसी के विशेषज्ञों को तैनात किया है। पिछले सप्‍ताह इक्वेटोरियल गिनी ने 200 से ज्‍यादा लोगों को क्‍वारंटाइन किया था और किए नटेम प्रांत में लोगों के आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

मारबर्ग से मरीजों के मरने की दर 88 प्रतिशत
इस प्रांत में एक अजीब बुखार फैला था। इक्वेटोरियल गिनी ने सोमवार को मारबर्ग वायरस के पहले मामले के सामने आने का ऐलान किया था। देश में मौतों के अलावा 16 लोगों के संक्रमित होने के संदिग्‍ध मामले भी सामने आए हैं। डब्‍ल्‍यूएचओ के अफ्रीका क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक मत्‍श‍िदिसो मोइती ने सोमवार को कहा, ‘मारबर्ग एक बहुत ही संक्रामक वायरस है। इक्वेटोरियल गिनी के अधिकारियों के त्‍वरित और निर्णायक एक्‍शन से इस वायरस पर काबू पाने के लिए पूरी ताकत से प्रयास किया गया।’

इस बीच पड़ोसी देश कैमरून ने संक्रमण फैलने के डर से पिछले सप्‍ताह अपनी सीमा पर लोगों का आना जाना प्रतिबंध‍ित कर दिया था। मंगलवार को कैमरून में दो संदिग्‍ध मामले सामने आए थे। डब्‍ल्‍यूएचओ ने कहा कि मारबर्ग एक बहुत ही तेजी से फैलने वाली बीमारी है जिससे बुखार के साथ शरीर के अंदरुनी अंगों से खून निकलने लगता है। इस संक्रमण के होने पर मरीजों के मरने की दर 88 प्रतिशत तक है। अभी तक इस बीमारी से बचाव के लिए कोई वैक्‍सीन या एंटी वायरल इलाज नहीं है।

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