जयपुर
राजस्थान के अजमेर से कुछ किसान बैलों को खरीदकर मध्यप्रदेश ले जा रहे थे। वे बैलों को खेती-किसानी के लिए ले जा रहे थे। उन्होंने बैलों को राजस्थान के पशु मेले से खरीदा था। वे रास्ते में पहुंचे ही थे कि खुद को शिवसेना के गौरक्ष बोलने वाले करीब 100-200 लोगों ने उन पर हमला कर दिया। उन लोगों ने किसानों को मारना-पीटना शुरू कर दिया।
गौरक्षकों ने किसानों की बात नहीं सुनी
किसान बोलते रहे कि वे कोई स्मगलिंग नहीं कर रहे हैं, उनके पास इसके कागज है मगर गौरक्षकों ने उनकी एक नहीं सुनी और उन्हें मारने लगे। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और किसानों को बचाया वरना उनकी जान भी जा सकती थी।
चार लोगों को हिरासत में लिया गया है
इस मामले में पुलिस का कहना है कि हमले में कुछ लोग घायल हो गए हैं। किसी को गंभीर चोट नहीं आई है। इस घटना के संबंध में फिलहाल चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं बैलों को ले जाने वाले ट्र्क के ड्राइवर प्रह्लाद राम मेघवाल ने हमारे सहयोगी द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ”उन लोगों के पास सभी जरूरी दस्तावेज थे और पुशओं को मध्य प्रदेश ले जाने के लिए जिला प्रशासन का आदेश भी था।”
पशु मेले से खरीदा था बैल
ड्राइवर ने आगे कहा कि ”हम पांच ट्रकों में करीब 64 बैलों को ले जा रहे थे। इन बैलों को मध्य प्रदेश के किसानों ने खेती के लिए नागौर के पशु मेले से खरीदा था। हमारे पास सभी तरह के पेपर थे और बैलों को ले जाने के लिए जिला प्रशासन का परमिशन भी था। हम कल शाम नागौर से चलकर रात करीब 9 बजे अजमेर जिले के किशनगढ़ पहुंचे थे। जहां हमें मकराना चौराहे के पास रोक लिया गया और हमारे ऊपर हमला किया गया। इसके बाद खुद को गौरक्ष बताने वाले लोगों ने हमें पीटना शुरू कर दिया। हमलावरों का कहना था कि वे शिवसेना से हैं और गौरक्ष हैं।”
किसानों के पास सभी पेपर थे
ड्राइवर ने आगे कहा कि “हमने उनसे बताया कि हमारे पास बैलों को ले जान के लिए हर तरह के पेपर हैं। इसके बाद भी उन्होंने हमारी एक नहीं सुनी। करीब सौ-दौ सौ लोग हमारे पास जमा हो गए और हमें पीटना शुरू कर दिया। कुछ लोग पथराव भी करने लगे। हमने पुलिस को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को अलग किया। अगर पुलिस समय पर नहीं आती को वे लोग हमें जान से मार देते। वे लोग ट्रकों को जलाने की बात कर रहे थे।”
किसानों का कहना था कि वे लोग मध्य प्रदेश के खंडवा के रहने वाले हैं। वे सोयाबीन और कपास की खेती करते हैं। इसके लिए उन्हें बैलों की जरूरत होती है। उन्होंने मेले से पशुओं को खरीदा था। उन्होंने इसके लिए सरकार से परमिशन ली थी। उन्होंने भीड़ को सारी बातें बताई मगर उन्होंने उनकी बात नहीं मानी। फिलहाल पुलिस इस मामले में चार आरोपियों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि क्या वे किसी विशेष समुदाय से थे?