24.6 C
London
Tuesday, July 1, 2025
Homeअंतराष्ट्रीय... तो क्‍या भारत को तेल की सप्‍लाई भी रोक देगा रूस,...

… तो क्‍या भारत को तेल की सप्‍लाई भी रोक देगा रूस, क्‍यों विशेषज्ञों को सता रहा है य‍ह डर?

Published on

मॉस्‍को

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गोवा में आयोजित शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन के एक सम्मेलन में बड़ा बयान दिया। सदस्‍य देशों के विदेश मंत्रियों के सम्‍मेलन में लावरोव के तेवर काफी तीखे थे। लावरोव ने कहा कि रूस के साथ रिश्‍ते बरकरार रखने में भारत विकल्‍पों का मजा भी उठा चाहता है और उस दिशा में कुछ करने का भी इच्‍छुक नहीं है। भारत को यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही रूस से सस्‍ती दरों पर तेल खरीद रहा है। लेकिन लावरोव के बयान के बाद विशेषज्ञ मान रहे हैं कि भारत और रूस के रिश्‍ते इस समय निचले स्‍तर पर पहुंच चुके हैं। हो सकता है कि आने वाले दिनों में रूस तेल की सप्‍लाई बंद कर दे।

रुपया या रूबल, मामला अटका, मुसीबत बढ़ी
सैन्‍य विशेषज्ञ और भारतीय वायुसेना से रिटायर वेटरेन पायलट विजेंद्र के ठाकुर ने यूरेशियन टाइम्‍स में लिखा है कि रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम की सप्‍लाई ठप पड़ी है। ऐसे में आगे क्‍या होगा कोई कुछ नहीं कह सकता है। भारत पिछले एक साल से घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस से आने वाली ऑयल सप्‍लाई पर निर्भर है। लावरोव ने कहा कि भारतीय बैंकों में कई अरब रुपये पड़े हैं जिन पर रूस का अधिकार है। रूस इस पैसे का प्रयोग करना चाहता है और उसके लिए रुपये को दूसरी मुद्रा में बदलना जरूरी है। उन्‍होंने कहा कि फिलहाल इस पर वार्ता जारी है। फरवरी 2022 से जारी यूक्रेन युद्ध के बाद से ही भारत को रूस से तेल की सप्‍लाई जारी है। एक साल से यह मसला अटका है व्‍यापार रुपये में किया जाए या फिर रूबल में।

रूस से आयात ज्‍यादा, निर्यात कम
समस्या यह है कि रूस से भारत का आयात इसके निर्यात से कहीं अधिक है। नतीजतन, भारतीय बैंकों में रूसी बैंक वोस्ट्रो खातों में भारतीय रुपये का भुगतान रूस के लिए किसी काम का नहीं है। भारत के पास सिर्फ यही विकल्‍प बचता है कि वह रूस के साथ निर्यात बढ़ाए। दुर्भाग्य से, भारतीय वस्तुओं की गुणवत्ता में कमी के कारण भारतीय निर्यात गंभीर रूप से बाधित है। साथ ही, रूस एक संसाधन संपन्न देश है, इसलिए भारत के पास रूस को वस्तुओं का निर्यात करने का विकल्प नहीं है। विजेंद्र ठाकुर की मानें तो भारत अरबों रुपये का भुगतान रूस को चीनी युआन जैसी मुद्रा में परिवर्तित करके कर सकता है। लेकिन यहां भी पेंच है कि रुपये को चीनी युआन में बदलने में काफी लागत आएगी। भारत के साथ चीन का विशाल व्यापार अधिशेष रुपये को युआन के मुकाबले विशेष रूप से कमजोर बनाता है।

कहीं ठप न हो जाए तेल की सप्‍लाई भी
रूस के साथ भारत के गहरे रक्षा संबंध, जो दशकों से भारत को अच्छी स्थिति में खड़ा कर रहे हैं, कुछ वर्षों से अमेरिकी कानून CAATSA प्रतिबंधों की वजह से खतरे में पड़ गए हैं। रूस के साथ रुपये में व्यापार का निलंबन भारत की रक्षा क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा। व्‍यापार रुपये में हो या रूबल में इस सवाल की वजह से ही पहले ही रूस ने भारत को अतिरिक्त दो S-400 रेजीमेंट की आपूर्ति रोक दी है। हालांकि ऑयल सप्‍लाई के सामने यह मसला नहीं है क्‍योंकि उसके पास तेल का रिजर्व भंडार है। लेकिन वह एस-400 की आपूर्ति जारी नहीं रख सकता था क्योंकि उसके पास इस मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम की कोई रिजर्व रेजीमेंट नहीं है। इस मसले का हल कैसे निकलेगा सबकी नजरें इस पर ही टिकी हैं।

Latest articles

लापरवाह अधिकारियों पर होगी सख्त कार्यवाई: राज्यमंत्री श्रीमती गौर

भेल भोपाललापरवाह अधिकारियों पर होगी सख्त कार्यवाई: राज्यमंत्री श्रीमती गौर,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण...

MP Guest Teachers Bharti:मध्य प्रदेश में गेस्ट टीचर्स की बंपर भर्ती 70 हज़ार पदों पर ऑनलाइन आवेदन 30 जून से शुरू

MP Guest Teachers Bharti: मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया...

More like this

Adani Green Energy Plant: 15000 मेगावाट ऑपरेशनल क्षमता पार करने वाली भारत की पहली कंपनी बनी

Adani Green Energy Plant: भारत की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अदानी ग्रीन एनर्जी...

Trump Terminates Trade With Canada: सभी व्यापारिक संबंध तुरंत ख़त्म डिजिटल सर्विस टैक्स बना वजह

Trump Terminates Trade With Canada: सभी व्यापारिक संबंध तुरंत ख़त्म डिजिटल सर्विस टैक्स बना...

इज़राइल-ईरान युद्ध ख़त्म ट्रंप की चेतावनी परमाणु हथियार बनाए तो अंजाम होगा बुरा

इज़राइल-ईरान युद्ध ख़त्म ट्रंप की चेतावनी परमाणु हथियार बनाए तो अंजाम होगा बुरा,पिछले 12...