3.5 C
London
Thursday, December 25, 2025
Homeराजनीति'बिना बताए दफ्तर छोड़ा, फोन स्विच ऑफ किया', दिल्ली सरकार का IAS...

‘बिना बताए दफ्तर छोड़ा, फोन स्विच ऑफ किया’, दिल्ली सरकार का IAS अफसर को नोटिस

Published on

नई दिल्ली,

दिल्ली सरकार ने सर्विसेज विभाग के सचिव वरिष्ठ IAS अफसर आशीष मोरे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उन्हें दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने नोटिस थमाया है. नोटिस में उनसे पूछा गया है कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों ना शुरू की जाए?

नोटिस में कहा गया है कि आशीष मोरे को सर्विस विभाग में नए सचिव की तैनाती के लिए फाइल पेश करने के निर्देश दिए गए थे. उन्होंने इस पर सहमति भी जताई थी, लेकिन मंत्री के सामने फाइल पेश करने की बजाय वह बिना सूचना के सचिवालय से चले गए.

नोटिस में यह भी कहा गया है कि आशीष मोरे ने जानबूझकर फोन कॉल का जवाब नहीं दिया. बाद में फोन स्विच ऑफ कर लिया. उनके घर पर एक ऑफिशियल नोट भेजा गया, लेकिन घर पर मौजूद होते हुए भी उन्होंने इसे रिसीव नहीं किया. बाद में मोरे को ईमेल और व्हाट्सएप के जरिए नोटिस भेजा गया.

24 घंटे के अंदर मांगा जवाब
आगे कहा गया कि आशीष मोरे पॉलिटिकली न्यूट्रल नहीं हैं. उन्होंने जानबूझकर संविधान की सही स्थिति को लागू ना करने का फैसला किया. मोरे ने खुद तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू नहीं करवाया, साथ ही अपने अधीनस्थ स्पेशल सेक्रेट्री सर्विसेज से एक नोट जारी करके कहलवाया कि गृह मंत्रालय के निर्देश नहीं आए हैं. इसलिए सर्विस मिनिस्टर के निर्देश लागू नहीं किए जा सकते. नोटिस में मोरे से 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा गया है.

कोर्ट की अवमानना का भी आरोप
AAP सरकार ने सेवा सचिव आशीष मोरे पर कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया था. इससे पहले मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी में सर्विसेज सचिव आशीष मोरे को सेवा विभाग के सचिव के पद पर नये अधिकारी के तबादले की फाइल पेश करने के निर्देश दिए थे, लेकिन आशीष मोरे ने अचानक मंत्री कार्यालय को सूचित किए बिना सचिवालय छोड़ दिया था.

5 जजों की पीठ ने सुनाया था फैसला
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों की लड़ाई को लेकर फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से ये फैसला दिया था कि दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार केजरीवाल सरकार के पास ही रहेगा. उसके बाद केजरीवाल सरकार एक्शन में आ गई. AAP सरकार के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में प्रशासनिक फेरबदल की घोषणा की थी.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से CM पावरफुल
दिल्ली में मुख्यमंत्री VS उपराज्यपाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अधिकारियों की तैनाती और तबादले का अधिकार दिल्ली सरकार को होना चाहिए. यानी उपराज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री ही दिल्ली का असली बॉस होगा. दरअसल, केंद्र सरकार ने 2021 में गवर्नमेंट ऑफ एनसीटी ऑफ दिल्ली एक्ट (GNCTD Act) में संशोधन किया था. इसमें दिल्ली के उपराज्यपाल को कुछ और अधिकार दे दिए गए थे. आम आदमी पार्टी ने इसी कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया था.

Latest articles

भेल में उच्चस्तरीय तकनीकी समिति ने किया कारखाने का निरीक्षण,ली बैठक

भेल भोपाल ।भेल भोपाल में उच्चस्तरीय तकनीकी समिति ने बुधवार को भेल कारखाने का...

इंदौर में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का एकदिवसीय धरना प्रदर्शन

इंदौर।श्रमिक विरोधी चार कानून के विरोध में सेंट्रल ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा, मध्य प्रदेश...

नए साल पर वैष्णो देवी यात्रा के नियम सख्त

कटरा।नववर्ष के अवसर पर जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री माता...

करोंद इलाके में युवती को कमरे में बंद कर दुष्कर्म

भोपाल।शहर के करोंद इलाके में एक युवती को कमरे में बंद कर उसके साथ...

More like this

युवा कांग्रेस ने मंत्री की नेमप्लेट पर कालिख पोती

युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ज़िला अध्यक्ष अमित खन्ना के नेतृत्व में अचानक विरोध...

राष्ट्रपति भवन में पुतिन का भव्य स्वागत

नई दिल्ली।पुतिन का भारत दौरा आज दूसरे दिन भी जारी है। राष्ट्रपति भवन में...

नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल गांधी पर नई एफआईआर दर्ज

नई दिल्ली।नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी...