सोनिया गांधी और राहुल के ‘मतभेद’ में क्या फंस गया है कर्नाटक की कुर्सी का पेच?

बेंगलुरु

कर्नाटक कांग्रेस में सीएम पद को लेकर लगातार उठापठक जारी है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों ही दावेदार नेता अपने-अपने दावे पर अड़े हुए हैं। पार्टी लगातार मीटिंगों और मंथनों के जरिए मसले का हल निकालने की कोशिश में लगी दिखी। बुधवार को दोपहर में उस समय सिद्धारमैया की दावेदारी पक्के होने का संकेत मिलता दिखाई दिया, जब प्रदेश के कई सीनियर नेताओं ने इसे लेकर बयान देने शुरू किए। इनमें सिद्धारमैया के एक करीबी नेता महादेवाप्पा से लेकर प्रदेश महिला कांग्रेस की मुखिया तक शामिल थीं। हालांकि इस खबर के सामने आते ही प्रभारी महासचिव को बकायदा मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी कि अभी तक सीएम चेहरे को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने मीडिया में चल रही तमाम चर्चाओं और अटकलों के पीछे बीजेपी को जिम्मेदार करार देते हुए कहा कि हार से बौखलाई बीजेपी ऐसी अफवाहें फैला रही है। हालांकि इससे बचने के लिए पार्टी ने दोनों ही नेताओं को बयान देने से बचने के लिए कहा है। दरअसल, नतीजा आने के बाद से ही सिद्धारमैया और शिवकुमार लगातार बयान दे रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, डीके शिवकुमार अपने दावे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं, जिसके चलते सहमति नहीं बन पा रही है। डीके के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने दो टूक कह दिया है कि या तो वह सीएम बनेंगे या फिर पार्टी में आम विधायक की तरह काम करेंगे। बताया जाता है कि उन्होंने डिप्टी सीएम का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। कहा जा रहा था कि पार्टी की ओर से उन्हें डिप्टी सीएम के साथ प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी और तीन-चार महत्वपूर्ण मंत्रालयों की पेशकश की गई थी, जिसके लिए वह तैयार नहीं बताए जा रहे।

कहां फंसा पेंच
चर्चा तो यहां तक है कि बारी-बारी से सीएम बनने को लेकर उनका दावा पहले दो-ढाई साल उन्हें सीएम बनाए जाने को लेकर है। बाद में सिद्धारमैया को मौका दे दिया जाए। दूसरी ओर 75 वर्षीय सिद्धारमैया अपनी उम्र का हवाला देते हुए पहला मौका अपने लिए चाह रहे हैं। डीके अपना केस मजबूत करने के लिए खरगे के यहां से लेकर सोनिया गांधी तक के यहां अपना दावा जिस तरह से पेश कर रहे हैं, उससे साफ है कि वह अपने रुख में नरमी के लिए तैयार नहीं।

सोनिया गांधी की पसंद डीके शिवकुमार
कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी की पसंद डीके शिवकुमार हैं। शिवकुमार से सोनिया गांधी तिहाड़ जेल में मिलने के लिए भी गई थीं। इसका जिक्र चुनाव में जीत के बाद शिवकुमार ने भी किया था। 13 मई को शिवकुमार ने रोते हुए कहा कि सोनिया जी ने हमेशा साथ दिया। वह जेल में मुझसे मिलने के लिए आई थीं। मैंने उनसे कहा था कि कर्नाटक जीतकर दूंगा। इसके बाद दिल्ली रवाना होने से पहले टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में शिवकुमार ने कहा कि मैंने सोनिया जी और मल्लिकार्जुन खरगे के चरणों में 135 सीटें जीतकर दे दी हैं।

राहुल गांधी की पसंद सिद्धारमैया
कहा जा रहा है कि सिद्धारमैया को राहुल गांधी पसंद करते हैं, इसलिए उनका दावा मजबूत माना जा रहा है। सिद्धारमैया को राहुल गांधी इसलिए भी तवज्जो दे रहे हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के लिए कर्नाटक अहम है। राज्य में लोकसभा की 28 सीटें हैं। अहिंदा समीकरण को देखते हुए एक पिछड़ा चेहरा भी कांग्रेस के लिए कर्नाटक में जरूरी है। भारत जोड़ो यात्रा जब कर्नाटक में थी, उस
वक्त सिद्धारमैया की राहुल गांधी के साथ दौड़ लगाते हुए तस्वीरें सामने आई थीं। ऐसे में राहुल गांधी और सिद्धारमैया के बीच नजदीकी भी एक अहम फैक्टर है, जो कर्नाटक के सीएम कुर्सी के पेच को उलझा जा रहा है।

 

About bheldn

Check Also

‘क्या बिहार, आंध्र प्रदेश देश का हिस्सा नहीं है’, लोकसभा में दीपेंद्र हुड्डा पर ‘लाल-पीले’ हो गए ललन सिंह

नई दिल्ली/मुंगेर: लोकसभा की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय मंत्री और जेडीयू सांसद राजीव रंजन उर्फ …