13.6 C
London
Friday, July 4, 2025
Homeराज्यपब्लिक प्लेस पर सेक्स वर्क अपराध की श्रेणी में आएगा लेकिन... मुंबई...

पब्लिक प्लेस पर सेक्स वर्क अपराध की श्रेणी में आएगा लेकिन… मुंबई कोर्ट की अहम टिप्पणी

Published on

मुंबई

सेक्स वर्कर से जुड़े एक मामले में मुंबई सत्र न्यायालय ने एक अहम टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि सेक्स वर्क कोई अपराध नहीं है लेकिन अगर इसे पब्लिक प्लेस (सार्वजानिक जगह) पर किया जाये, जिससे अन्य लोगों को तकलीफ हो या उन्हें गलत लगे तो यह एक अपराध की श्रेणी में आएगा। इस टिप्पणी के साथ अदालत ने एक 34 साल की महिला (सेक्स वर्कर) को नजरबंदी से रिहा करने का आदेश दिया है। दरअसल इसी साल फरवरी के महीने में मुंबई के मुलुंड इलाके में एक पुलिस रेड के दौरान एक महिला को वेश्यावृत्ति के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। महिला को तब स्थानीय मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया था। अदालत ने महिला को एक साल के लिए मुंबई स्थित देवनार के सुधारगृह भेजने का आदेश दिया गया था। अदालत ने कहा था कि महिला को एक साल तक सुधारगृह में रखा जाए। ताकि उसकी उचित देखभाल की जा सके। मजिस्ट्रेट कोर्ट के इसी आदेश के खिलाफ महिला ने मुंबई सत्र न्यायालय में गुहार लगाई थी।

सत्र न्यायालय ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए कहा कि आर्टिकल 19 के तहत एक नागरिक का अधिकार है कि वह देश के किसी भी कोने में स्वच्छंद रूप से घूम फिर सके और कहीं भी रह सके। इस मामले में अदालत ने कहा कि महिला वयस्क हैं और भारत की नागरिक हैं। ऐसे में यह उनका अधिकार है कि वह कहीं भी रह सके और कहीं भी आजा सकें। उन्हें ऐसा करने से रोकना आर्टिकल 19 द्वारा दिए गए अधिकारों का हनन होगा। अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस की रिपोर्ट से यह नहीं लगता है कि महिला पब्लिक प्लेस पर वेश्यावृत्ति में लिप्त थी। यह महिला का अधिकार है कि वह कहीं भी रहें और कहीं भी आजा सकें।

सेक्स वर्कर्स के भी मौलिक अधिकार होते हैं
अदालत ने कहा कि महिला को उसके काम और पुराने जीवन के आधार पर बिना उसकी इच्छा के विपरीत नजरबंद रखना ठीक नहीं हैं। पीड़िता के दो बच्चे हैं जिन्हें उनकी मां की जरुरत है। जज ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का भी हवाला दिया है। अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट रूप से राज्य सरकारों को यह आदेश दिया कि वह एक सर्वे करें साथ ही इच्छा के विपरीत सुधारगृह में रखी गयी सेक्स वर्कर्स (जो वयस्क हों) रिहा करें। आजादी के साथ रहना उनका भी मौलिक अधिकार है, जिसका किसी भी तरह से हनन नहीं किया जा सकता है।

पीड़िता ने बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी सहित तीन पीड़ितों (जिसमें से एक मैं भी थी) को मझगांव कोर्ट में पेश किया किया गया। इसके बाद हमारी उम्र की जाँच के लिए ले जाया गया। इसी बीच हमारी कस्टडी बढ़ा दी गई। इसके बाद मजिस्ट्रेट ने पुलिस से रिपोर्ट मांगी जिसमें सभी पीड़ित महिलाओं को बालिग बताया गया। हालांकि, दो महिलाओं को छोड़ दिया गया जबकि मुझे बीते एक साल के लिए देवनार के शेल्टर होम भेज दिया गया।

Latest articles

बीएचईएल के जीएम श्रीनिवास राव का तबादला एचबीजी नोएडा

भेल भोपालबीएचईएल के जीएम श्रीनिवास राव का तबादला एचबीजी नोएडा,भेल भोपाल यूनिट के महाप्रबंधक...

बीएचईएल के ब्रेड बटर यानि ट्रेक्शन मोटर भगवान भरोसे

केसी दुबे, भोपालबीएचईएल के ब्रेड बटर यानि ट्रेक्शन मोटर भगवान भरोसे,भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड...

आरयूएचएस अस्पताल में विशेषज्ञ सेवाओं का लगातार हो रहा विस्तार— आपातकालीन इकाई में सर्जरी कर बचाई 5 वर्षीय बच्चे की जान, खाने की नली...

जयपुरआरयूएचएस अस्पताल में विशेषज्ञ सेवाओं का लगातार हो रहा विस्तार— आपातकालीन इकाई में सर्जरी...

भेल कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर इंटक ने निकाला पैदल मार्च

भेल भोपालभेल कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर हेम्टू इंटक ने भेल कर्मचारियों के साथ...

More like this

MP Weather Update:MP में अगले 4 दिन भारी बारिश का अलर्ट आज 4 ज़िलों में बहुत तेज वर्षा की चेतावनी

MP Weather Update: मध्य प्रदेश में भारी बारिश का सिलसिला लगातार जारी है. बुधवार...

MP Laptop Yojana: एमपी बोर्ड 12वीं के छात्रों के लिए खुशखबरी 4 जुलाई को CM मोहन यादव देंगे लैपटॉप के ₹25000

MP Laptop Yojana: मध्य प्रदेश बोर्ड के 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए एक...