बंद हुए 2-2 हजार के 8 लाख रुपये देवी पर चढ़ा आया ये भक्त!

कांगड़ा,

देश में 2 हजार रुपये के नोट बंद होने की सूचना के बाद हिमाचल प्रदेश के मां ज्वालामुखी मंदिर में एक श्रद्धालु ने दो-दो हजार रुपये के 400 नोट यानी 8,00,000 दरबार में चढ़ा दिए. अब यह राशि चर्चा का विषय बन गई है. जानकारी के अनुसार यह राशि मंदिर में अकबर के छत्र के पास रखे दान पात्र में चढ़ाई गई थी.

मंदिर के कनिष्ठ अभियंता सुरेश कुमार ने बताया कि मां के दरबार में कई बड़े भक्त आते हैं, जो अकसर मां के चरणों में ऐसी भेंट चढ़ाते हैं. मां ज्वालामुखी के दरबार में चढ़ाई गई यह राशि मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर खर्च की जाएगी.

वहीं, नगर परिषद ज्वालामुखी के अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि अभी सितंबर तक 2,000 रुपये के नोट बैंक में बदले जा सकते हैं. ऐसे में दरबार में अगर 2,000 रुपये के नोट आते हैं तो निश्चित तौर पर उनसे मंदिर को लाभ होगा. मंदिर के विकास कार्यों पर यह पैसा खर्च किया जाएगा. इधर डीसी कांगड़ा निपुण जिंदल ने इस मामले पर जानकारी ना होने की बात कही है.

400 किलो पीतल के दो शेर दान किए
भारतीय सेना की डोगरा रेजिमेंट की 20वीं बटालियन के अफसरों-जवानों ने मई में ज्वाला जी के मंदिर में स्मृति चिन्ह के रूप में 400 किलो ग्राम पीतल धातु के एक जोड़ी शेर स्थापित किए थे. स्मृति चिह्न की स्थापना में 20 डोगरा के कमान अधिकारी कर्नल सिद्धार्थ भनोट, सूबेदार मेजर दारा सिंह एवं समस्त सेवारत व सेनानिवृत्त सरदार सहिबान एवं समस्त जवान उपस्थित रहे थे.

मंदिर में जली हैं 9 ज्वाला
ज्वालाजी मंदिर हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी के दक्षिण में 30 किमी. और धर्मशाला से 56 किमी. की दूरी पर स्थित है. इसे ज्वालामुखी या ज्वाला देवी भी कहते हैं. कांगड़ा की घाटियों में ज्वाला देवी मंदिर की नौ अनन्त ज्वालाएं जलती हैं, जो पूरे भारत के हिंदू तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती हैं. यह ऐसा मंदिर है, जहां भगवान की कोई मूर्ति नहीं है. ऐसा माना जाता है कि देवी मंदिर की पवित्र लपटों में रहती हैं, जो बाहर से बिना ईंधन के दिन-रात चमत्कारिक रूप से जलती हैं.

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