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अमेरिका दगाबाजी न करता तो पाकिस्तान नहीं बना पाता परमाणु बम, इंदिरा गांधी ने की थी जबरदस्त तैयारी

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इस्लामाबाद

पाकिस्तान के परमाणु बम परीक्षण के 25 साल पूरे हो गए हैं। मोहम्मद अली जिन्ना के सपनों वाले इस देश ने 28 मई 1998 को परमाणु बम का परीक्षण किया था। यह परीक्षण भारत के परमाणु बम के जवाब में किया गया था। पाकिस्तान दुनिया का इकलौता मुस्लिम देश है, जिसके पास परमाणु बम की क्षमता है। पाकिस्तान के इस हथियार को इस्लामिक परमाणु बम भी कहा जाता है। लेकिन, बहुत कम लोगों को पता है कि भारत ने इससे 14 साल पहले ही इजरायल के साथ मिलकर पाकिस्तान के परमाणु ठिकाने पर हमले की प्लानिंग कर ली थी। सिर्फ अमेरिका की दगाबाजी के कारण भारत और इजरायल के हमले का प्लान फेल हो गया था। उस समय भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं।

अमेरिका की धोखेबाजी से फेल हुआ प्लान
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार मुशाहिद हुसैन सईद ने बताया कि 1984 में भारत खालिस्तानी उग्रवाद का सामना कर रहा था। भारत ने इसके लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया था। इसके बाद भारत ने इजरायल के साथ मिलकर पाकिस्तान के कहूटा परमाणु संयंत्र को नष्ट करने के लिए इराक की तरह हवाई हमले की प्लानिंग की थी। पूरी योजना प्लानिंग के अनुसार चल रही थी, इस बीच अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने इसकी जानकारी पाकिस्तान के तत्कालीन सैन्य तानाशाह जनरल जिया उल हक को दे दी। पाकिस्तान के परमाणु ऊर्जा के जनक डॉ एक्यू खान ने 10 फरवरी 1984 को एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि पाकिस्तान ने पहली ही हथियार ग्रेड यूरेनियम का उत्पादन करने की क्षमता हासिल कर ली थी। ऐसे में कहूटा पर हमला होने की स्थिति में पाकिस्तान में इस तरह के एक से अधिक संयंत्र स्थापित कर सकता है।

जनरल जिया ने की थी दावे की पुष्टि
मुशाहिद हुसैन सईद ने बताया कि इसके कुछ दिनों बाद 27 फरवरी 1984 को जनरल जिया उल हक ने मीडिया से बातचीत में बयान की पुष्टि की। अप्रैल 1984 में अंग्रेजी दैनिक द मुस्लिम को इस्लामाबाद में पहली बार पाकिस्तान भारत ट्रैक-II आयोजित करने के लिए सरकार की तरफ से मंजूरी दी गई। इसमें भारत के मुख्यधार के मीडिया संस्थानों में काम करने वाले प्रमुख भारतीय पत्रकारों और नेताओं की भागीदारी होनी थी। इसे भारत और पाकिस्तान में शांति की एक पहल बताया गया था, लेकिन इसका आयोजन हो नहीं सका। जनवरी 1987 में, जब भारत ने 1947 के बाद से दक्षिण एशिया के इतिहास में सबसे बड़े सैन्य युद्धाभ्यास का आयोजन किया, तो पाकिस्तान में डर पैदा हो गया था। एक्सरसाइज ब्रासस्टैक्स या ऑपरेशन ब्रासस्टैक्स के दौरान भारतीय सेना पाकिस्तान के बिलकुल नजदीक आ गई थी।

परमाणु बम से हमले की धमकी दे रहा था पाक
मुशाहिद ने बताया कि 28 जनवरी 1987 को डॉ एक्यू खान ने इस्लामाबाद में मेरे आवास पर प्रसिद्ध भारतीय पत्रकार कुलदीप नैय्यर को इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने कहा था स्पष्ट रहें, यदि हमारे अस्तित्व को खतरा है तो हम बम का उपयोग करेंगे।” उनका यह इंटरव्यू 1 मार्च 1987 को भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हुआ था। दिलचस्प बात यह है कि 1984 में जनरल जिया ने 30 मार्च, 1987 को टाइम मैगजीन को दिए बयान में इस दावे का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि आज आप लिख सकते हैं कि पाकिस्तान जब चाहे तब बम बना सकता है। अब आपके पास परमाणु बम आ जाए तो आप जो चाहें वो कर सकते हैं।

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