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Sunday, July 6, 2025
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ट्विटर को तो भारत विरोधी टूल बना रखा था, अब हाथ से निकली तो बौखला रहे हैं जैक डॉर्सी

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नई दिल्ली

ट्विटर की कमान मशहूर कारोबारी और दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क के हाथों में आते ही इसके पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी पिक्चर से ही गायब हो गए। मस्क ने छटनी का ऐसा दौर शुरू किया था कि खुद ट्विटर इंडिया के सीईओ पराग अग्रवाल भी नहीं बच पाए थे। लोग अब मस्क की ट्विटर हुकूमत को स्वीकार चुके हैं। काफी दिनों से चर्चा से गायब पूर्व सीईओ डॉर्सी के एक बयान ने उन्हें फिर से सर्खियों में ला दिया। बयान ऐसा कि सत्तासीन मोदी सरकार और विपक्षी दलों तक हलचल मच गई। डॉर्सी ने एक यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग प्वाइंट्स से बातचीत में कहा या कहें दावा किया कि भारत सरकार ने उनसे विरोध करने वाले ट्विटर अकाउंट और किसान आंदोलन से संबंधित अकाउंट को को बंद करने को कहा था। अगर ऐसा नहीं हुआ तो भारत में ट्विटर को बंद कर दिया जाएगा। दफ्तर में छापे डाले जाएंगे।

बस फिर क्या, डॉर्सी के इतना बोलते ही सभी विपक्षी दल एक्टिव हो गए। किसान नेता भी डॉर्सी का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन जिस जैक डॉर्सी के बयान को विपक्ष और किसान नेता हाथों-हाथ ले रहे हैं उसका पिछला रिकॉर्ड तो चेक कर लिया होता। यह वही जैक डॉर्सी हैं जिन्होंने हाथ में ब्राह्मणवाद पर आपत्तिनक पोस्टर लहराया था, लेह को चीन का हिस्सा दिखा दिया था। जैक डॉर्सी पर अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को भी प्रभावित करने के आरोप लगे थे। भारत की संप्रभुता पर हमला, भारत विरोधी एजेंडा चलाना आदि। अब जब जैक डॉर्सी ने आरोप लगाया है तो उन्हें उनके दौरान के विवाद भी याद दिला देते हैं। शायद भूल गए हों।

जैक डॉर्सी के आरोप और भारत सरकार के जवाब
ट्विटर का सीईओ पद छिनने के बाद से शायद जैक डॉर्सी के पास कोई काम नहीं है। यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग प्वाइंट्स में उन्होंने जो कहा वह आज की सुर्खियां बन गया। कहा कि भारत सरकार ने उनसे किसान आंदोलन से जुड़े कोई ट्विटर अकाउंट बंद करने को कहा था। न करने पर ट्विटर के दफ्तर में छापा और भारत में ट्विटर को बंद करने को कहा गया। डॉर्सी ने हद तो तब कर दी जब उन्होंने भारत की तुलना टर्की से कर दी। कहा कि तुर्की ने भी उनसे अपने देश में ट्विटर को बंद करने की धमकी दी थी। डॉर्सी के इन आरोपों पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर खूब बरसे। उन्होंने कहा कि उनके दावे गलत हैं। चंद्रशेखर ने इससे उलट ट्विटर के सीईओ पर ही आरोप लगा दिए कि माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने 2020 से 2022 के बीच कई बार नियम तोड़े थे। जैक अपने ही बयान के बाद फंस गए। जैक ने जब ये कहा कि तब वह शायद यह भूल गए कि भारत सरकार ने कार्यालय बंद करने की धमकी दी थी। न कार्यालय बंद हुआ, न कोई गिरफ़्तार हुआ। हाँ, यह जरूर हुआ कि, ये ट्विटर के जरिये भारत विरोधी एजेंडा चलाया गया।

जब भारत विरोधी एजेंडा चला तब कहां थे जैक
जैक ने भारत सरकार पर इतना बड़ा आरोप विदेशी प्लेटफॉर्म से लगाया। भूल गए कि भारत के खिलाफ ट्विटर के जरिए भारत विरोधी एजेंडा चलाया गया था तब उनकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। भारत बार-बार कानून का हवाला देकर चेतावनी दे रहा था लेकिन जैक ने इसे नहीं माना। तब वह भारत सरकार के कानून को ही ठेंगा दिखा रहे थे। अब जैक को समर्थन करने वाले लोग पूछेंगे कि कौन सा भारत विरोधी एजेंडा। ध्यान दिला देते हैं। आज से 2 साल पहले जाइए। यानी साल 2021 और यही जून का महीना। ट्विटर ने अपने लाइव ब्रॉडकास्ट के दौरान लेह को चीन का हिस्सा दिखा दिया था। इसकी खबर लगते ही भारत सरकार ने ट्विटर को चेतावनी जारी की और कहा कि मैप को इस तरह से दिखाना गैर-कानूनी है। तब तो मालिक जैक ही थे। जैक ने तब क्यों नहीं इसपर कार्रवाई की। तब ये सब आरोप लगे तो ट्विटर ने भारत सरकार को ही धता बता दिया।

अब जरा और बात करते हैं। ट्विटर का भारत विरोधी एजेंडा अभी और एक्सपोज होगा। मार्च 2, 2023 को जर्नलिस्ट मैट टाइबे ने बताया था कि करीब 40 हजार ऐसे ट्विटर अकाउंट को बंद करने को कहा गया था जो हिंदू राष्ट्रीयता वाले थे। कहा गया कि सभी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता थे। तो क्या RSS चीफ मोहन भागवत, संघ के तमाम नेता और पूर्व उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू के अकाउंट से ब्लू टिक हटाना यही कदम था। लेकिन निकला क्या वो लिस्ट ऐसे अमेरिकी लोगों की थी और इनका भारत और उसकी राजनीति से कोई मतलब नहीं था।

किसान आंदोलन के वक्त फार्मर जेनोसाइड हैशटैग याद है जैक?
साल 2020 में किसान आंदोलन ने भारत ही नहीं विदेशी मीडिया की भी सुर्खियां बना था। उस वक्त ट्विटर पर #FarmerGenocide ट्रेंड कराकर देश की छवि कमजोर करने की कोशिश की गई थी। तब भारत ने ट्विटर को इन हैशटैग से जुडे़ ट्वीट और इसका इस्तेमाल करने वाले 250 से अधिक अकाउंट को बंद करने को कहा था। ट्विटर ने इन्हें बंद तो किया लेकिन, उसके बाद फिर रिस्टोर कर दिया। हवाला दिया गया कि यह लोगों के अभिव्यक्ति की आजादी है। अभिव्यक्ति की आजादी की पैरवी तो सब करते हैं लेकिन, ऐसे हैशटैग वो भी तब जब भारी संख्या में किसान आंदोलन कर रहे हों और आप इस तरह से अपने प्लेटफॉर्म से गलत चीज को बढ़ावा दें। भला हो कि ट्विटर पर भारत सरकार ने कोई ऐसी कार्रवाई नहीं की जिसका डर आप आज दिखा रहे हैं। तब तो खूब इस प्लेटफॉर्म को गलत चीज ट्रेंड कराने का अड्डा बनाया गया था।

याद है वह टूलकिट या भूल गए?
किसान आंदोलन के वक्त ट्विटर से ही टूलकिट पोस्ट किए गए थे। पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने अपने ट्विटर हैंडल से यह टूलकिट शेयर किए गए थे। उसमें साफ-साफ किसान आंदोलन से जुड़ी रणनीति के बारे में लिखा था। इसमें लिखा था कि कैसे किसान आंदोलन के बारे में अपडेट लेनी है? यूजर के किसान आंदोलन पर किए ट्वीट पर नजर और कौन सा हैशटैग लगाना है आदि। दिक्कत आने पर किन लोगों से बात, क्या करने से बचना है आदि इस टूलकिट में शामिल था। तब चला था कि ट्विटर कई वीडियो और बयानों को मैनिपुलेटेड या कहें तोड़-मरोड़ के पेश किया बताया जाता था। इसपर भी काफी विवाद हुआ था। ग्रेटा ने जो टूलकिट शेयर की थी उसमें दुनियाभर के लोगों से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने और किसानों का समर्थन करने की अपील की गई थी। उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया पर फोटो या वीडियो शेयर कर #FarmersProtest या #StandWithFarmers पोस्ट करने को कहा था। इसमें लोगों से जानकारी जुटाकर सरकार से कृषि कानूनों पर सवाल करते हुए वीडियो शेयर करने को भी कहा गया था।

इसमें सुझाव दिया गया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ-साथ इंटरनैशनल मॉनिटरी फंड, वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन और वर्ल्ड बैंक को टैग करने को भी कहा गया। ग्रेटा ने टूलकिट शेयर की थी जिसके कवर की हेडलाइन थी, ‘Will you be part of the largest protest in human history?’ ग्रेटा ने बाद में पोस्‍ट डिलीट कर दी थी और अपडेटेड लिंक शेयर किया था लेकिन उससे पहले सोशल मीडिया पर उसके स्‍क्रीनशॉट्स खूब वायरल हुए थे।

आप क्या जानें ब्राह्मणवाद जो पोस्टर लेकर खड़े हो गए?
जैक डॉर्सी साल 2018 में भारत आए थे। यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाहरुख खान से मुलाकात की थी। इसके बाद सामने आई एक तस्वीर ने बवाल मचा दिया था। इस तस्वीर में लिखा था, ‘ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को नष्ट करो। जैक जब इस पोस्टर के साथ समर्थन करने वाले लोगों के साथ खड़े थे तब, उन्हें जरा भी इल्म था कि वह यह क्या कर रहे हैं। क्या जैक को ब्राह्मणवाद का क,ख,ग,घ भी पता है? बस इसलिए खड़े हो गए कि कूल लग रहा था। अगर आप भारत दौरे पर आए थे तो लोगों से मिलते, अपनी योजनाएं बताते, भारत घूमते लेकिन आपने इस पोस्टर के साथ राम जाने क्या दिखाने की कोशिश की।

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