नई दिल्ली,
पूर्वी दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दंगा फसाद के लिए लोगों को भड़काने और आपराधिक साजिश रचने के आरोपी शरजील इमाम की अर्जी पर फैसला सुरक्षित कर लिया है. सात साल की अधिकतम सजा की आधी अवधि काट लेने के बाद उसकी ओर से वैधानिक जमानत की मांग की अर्जी दाखिल की गई है.
दरअसल, शरजील पर 2020 में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और अन्य आरोपों के साथ ही राजद्रोह की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. वह 28 जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में है.
साल 2020 में दर्ज किया गया था देशद्रोह का मामला
इमाम पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. ये मामला 2020 में दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा द्वारा दर्ज किया गया था. इसके बाद उसके खिलाफ यूएपीए की धारा 13 लगाई गई थी.
याचिका में दलील- जमानत पर रिहा होने का हक है
शरजील ने अपनी याचिका में दलील दी है कि वो वैधानिक जमानत पर रिहा होने का हकदार है. क्योंकि वो यूएपीए की धारा-13 के तहत निर्धारित अधिकतम सात साल की सजा में से आधी सजा काट चुका है.उसने अपनी जमानत याचिका में कहा कि धारा-13 यूएपीए के तहत निर्धारित 7 साल तक की अधिकतम सजा के अनुसार, आवेदक ने कानून द्वारा संबंधित अपराध के लिए निर्दिष्ट कारावास की अधिकतम अवधि का आधा समय काट लिया है.