ओपी राजभर के किस बयान पर डिप्टी सीएम को है एतराज? केशव प्रसाद मौर्य बोले- यह सब सीएम योगी तय करेंगे

लखनऊ

उत्तर प्रदेश के घोषी उपचुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान को बड़े अंतर से मात दी है। जिसके बाद राजनीतिक हलकों में कई तरह की चर्चाएं तेज हो गईं। हालांकि उपचुनाव में हारने के बाद बीजेपी ने समीक्षा की और अपनी रणनीति में कई बदलाव किए। इसी बीच राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को घोसी विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार की जीत को “दुर्घटना” करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा 2024 के आम चुनावों में राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतेगी।डिप्टी सीएम ने कहा कि ओबीसी भाजपा के साथ हैं। उन्होंने याद दिलाया कि 2019 के लोकसभा चुनावों में जब सपा, बसपा, कांग्रेस और अन्य ने मिलकर चुनाव लड़ा था। तब भी उनकी पार्टी को उत्तर प्रदेश में 51 प्रतिशत वोट मिले थे।

राजभर को ऐसा नहीं कहना चाहिए था: डिप्टी सीएम
पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में मौर्य ने हाल ही में दिए गए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर के बयान को लेकर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ओपी राजभर को यह नहीं कहना चाहिए था कि वह और हाल ही में भाजपा में लौटे दारा सिंह चौहान योगी आदित्यनाथ सरकार में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार पर कुछ भी मुख्यमंत्री की ओर से ही आना चाहिए।घोसी में भाजपा की हार को कमतर आंकते हुए उन्होंने कहा कि उपचुनाव का परिणाम “एक दुर्घटना” था और पार्टी इससे सीखकर यह सुनिश्चित करेगी कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का कमल निशान खिले।

पिछले साल जनवरी में भाजपा छोड़ने वाले दारा सिंह चौहान ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर घोसी विधानसभा चुनाव जीता था, लेकिन वह फिर से भाजपा में लौट आए थे। जिसके बाद हाल के उपचुनाव में सत्तारूढ़ दल ने उन्हें मैदान में उतारा। उन्हें सपा के सुधाकर सिंह ने 40,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। सपा पर एक सवाल का जवाब देते हुए मौर्य ने दावा किया कि विपक्षी पार्टी तेजी से “समाप्तवादी” पार्टी बनती जा रही है। उन्होंने इंडिया गुट पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्षी गठबंधन के पास कोई मुद्दा नहीं है और वह नेतृत्वहीन है। उनका एजेंडा समाज को विभाजित करना है जिसमें वे सफल नहीं होंगे।

2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जीतीं 64 सीटें
मौर्य ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जब सपा, बसपा, कांग्रेस और अन्य ने मिलकर चुनाव लड़ा था तो भी उनकी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की थी। यूपी से लोकसभा में भाजपा के 64 सांसद थे। आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव के बाद राज्य से उसके सांसदों की संख्या 66 हो गई।

उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में सपा की सरकार थी तो भाजपा ने सहयोगियों के साथ मिलकर 73 सीटें जीती थीं और चार सीटें बहुत कम अंतर से हार गयी थीं। मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। बीजेपी राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतेगी।

डिप्टी सीएम ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ के दर्शन के साथ-साथ “डबल इंजन” सरकार द्वारा हासिल किया गया विकास भाजपा को चुनावों में जीत हासिल करने में मदद करेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार बिना किसी हिंदू-मुस्लिम पूर्वाग्रह के अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विपक्ष है जो केवल मुस्लिम-संबंधी मुद्दे उठा रहा है।

उन्होंने कहा कि राज्य में धर्म के आधार पर कार्रवाई नहीं होती। कार्रवाई इस पर आधारित है कि गरीबों की जमीन पर किसने कब्जा किया है। उन्होंने कहा कि सरकार होने के नाते इसे खाली कराना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही ह

‘मुख्यमंत्री संत हैं, संत की कोई जाति नहीं होती’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जाति के लोगों के प्रभाव पर एक अन्य सवाल पर मौर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री “एक संत हैं और संत की कोई जाति नहीं होती”। यह पूछे जाने पर कि क्या घोसी परिणाम से पता चलता है कि ओबीसी मतदाताओं ने भाजपा को छोड़ दिया है। मौर्य ने जवाब दिया, “ओबीसी भाजपा के साथ थे और भाजपा के साथ रहेंगे।”

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