वॉशिंगटन
अक्टूबर में एक दुर्लभ खगोलीय घटना होने वाली है। 14 अक्टूबर को वलयाकार सूर्यग्रहण है। सूर्य ग्रहण के जिसके कारण आसमान में ‘आग की रिंग दिखाई’ देगी। जब चंद्रमा सूर्य के आगे से निकलता है, तब वह छिप जाता है, जिसे चंद्र ग्रहण कहते हैं। हालांकि भारत के लोगों को इसे देखने का मौका नहीं मिलेगा। यह सूर्य ग्रहण यूएस, मेक्सिको और सेंट्रल अमेरिका और दक्षिण अमेरिका में देखने को मिलेगा। आइए जानें यह किस तरह का सूर्य ग्रहण है और इसकी क्या खासियत है।
14 अक्टूबर को जो सूर्य ग्रहण दिखेगा वह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। चंद्रमा जब धरती से काफी दूर रहते हुए सूर्य के बीच आता है तो इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं। पूर्ण सूर्य ग्रहण के विपरीत यह सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढकता है। क्योंकि चंद्रमा सामान्य से दूर होता है, इसलिए यह छोटा दिखता है। यही कारण है कि सूर्य पूरा नहीं ढक पाता। इस कारण आसमान में एक रिंग जैसी आकृति दिखती है। यह सूर्य का अंश होती है, इसलिए यह एकदम आग जैसी दिखती है।
अक्टूबर में दिखेगा चंद्र ग्रहण
8 अप्रैल 2024 को मेक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के ऊपर पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के मुताबिक स्थानीय समय के हिसाब से 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण 9.13 बजे अधिकतम अंधकार होगा। ओरेगॉन, कैलिफ़ोर्निया, नेवादा, यूटा, एरिज़ोना, न्यू मैक्सिको और टेक्सास में यह दिखेगा। उत्तरी अमेरिका, मध्य अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के बहुत बड़े हिस्सों में लोग सूर्य को हल्का देख पाएंगे। सूर्य ग्रहण के अलावा 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण भी होगा जो पूर्वी अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में दिखेगा।
एक्सपर्ट्स ने दी वार्निंग
सूर्य ग्रहण को लेकर एक्सपर्ट्स ने वॉर्निंग दी है। उन्होंने कहा कि इसे सीधे न देखें। सूर्य ग्रहण को देखने के लिए डिजाइन किए गए विशेष चश्मों का इस्तेमाल करें। चमकदार सूर्य को बिना किसी सुरक्षा के देखना खतरनाक हो सकता है। इसके साथ ही एक्सपर्ट्स का कहना है कि फोटोग्राफी या टेलीस्कोप के आगे भी सौर फिल्टर का इस्तेमाल करें, नहीं तो गंभीर चोट लग सकती है। इसके अलावा एक्सपर्ट्स का कहना है कि धूप का चश्मा इसे देखने के लिए सही नहीं है।