टोक्यो:
जापान का ऐतिहासिक स्लिम लैंडर कुछ दिनों पहले बिजली बनाने में सक्षम हो गया था। लेकिन अब वह एक बार फिर निष्क्रिय हो गया है। चंद्रमा लैंडर आने वाली अंधेरी रात के कारण बंद पड़ गया है। हालांकि इससे पहले वह अंतिम कुछ तस्वीरें और ढेर सारा वैज्ञानिक डेटा देने में कामयाब रहा। जापान के लैंडर का नाम स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) है, जिसने 19 जनवरी को चंद्रमा के शिओली क्रेटर के किनारे पर अपनी सटीक लैंडिंग की थी।
उतरने के दौरान इसके इंजन में कुछ खराबी आ गई। लेकिन फिर भी यह चांद पर सफल लैंडिंग में कामयाब रहा। लेकिन लैंडिंग के दौरान यह उल्टा हो गया। इस कारण इसके सोलर सेल सूर्य से विपरीत दिशा में हो गए। इस कारण इसके सोलर पैनल बिजली बनाने में कामयाब नहीं हुए। कुछ घंटे यह रिजर्व बैट्री पर चला और फिर बंद हो गया। 10 दिन बाद स्लिम के सोलर पैनल पर सूर्य की रोशनी पड़ी। इस कारण एक बार फिर यह जाग गया।
जापान ने पोस्ट की आखिरी तस्वीर
SLIM का संचालन करने वाली जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने अंतरिक्ष यान के मल्टी-बैंड कैमरा (MBC) के साथ पास की चंद्र सतह को स्कैन किया। गैर-लाभकारी प्लैनेटरी सोसायटी के मुताबिक MBC को परावर्तित सूर्य के प्रकाश का विश्लेषण करके ओलिविन और अन्य खनिजों को खोजने के लिए डिजाइन किया गया है। जापानी स्पेस एजेंसी की ओर से स्लिम के नेविगेशन कैमरे की ओर से ली गई एक आखिरी तस्वीर पोस्ट की गई। स्पेस एजेंसी ने बताया कि अंतरिक्ष यान अब निष्क्रिय हो चुका है।
क्या फिर जागेगा चंद्रमा मिशन?
एक बार फिर से संभवतः SLIM को जगाने के लिए JAXA को लगभग 14.5 दिन का इंतजार करना होगा। अगला चंद्र दिवस 15 फरवरी के आसपास शुरू होगा। इस दौरान अनुकूल तापमान की स्थिति की प्रतीक्षा करनी होगी। हालांकि अभी SLIM के सामने एक बड़ी मुश्किल है। उसके इलेक्ट्रॉनिक्स को शून्य से माइनस 208 डिग्री फारेनहाइट के तापमान का सामना करना होगा। ऐसे में संभव है कि वह अगली बार न उठे। SLIM जागे या न जागे, लेकिन अंतरिक्ष यान ने सटीक लैंडिंग करके अपना मिशन पूरा कर लिया है।