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Tuesday, July 1, 2025
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पाकिस्‍तान को IMF से मिली थी 3 अरब डॉलर की खैरात, कश्मीर को भारत ने चार गुना ज्यादा फंड देकर बोलती बंद की

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इस्लामाबाद:

पाकिस्तान के नेता दुनियाभर में जाकर ये कहते रहते हैं कि भारत में कश्मीर के साथ सौतेला बर्ताव होता है। अपने कथित दावों के लिए कई तरह की रिपोर्ट और आंकड़े भी पाकिस्तानी नेता पेश करते रहे हैं लेकिन भारत के हालिया बजट के बाद शायद ही वो इस बात को कह पाएंगे। भारत की वित्त मंत्री ने हालिया बजट में जम्मू-कश्मीर के लिए 14 अरब डॉलर के बजट का प्रस्ताव रखा है। दूसरी ओर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय बीते साल आईएमएफ से मिले 3 अरब डॉलर के कर्ज के सहारे किसी तरह से खिसक रही है। ऐसे में जम्मू कश्मीर का अंतरिम बजट पाकिस्तान को आईएमएफ से मिले कर्ज से चार गुना से भी काफी ज्यादा है।

पाकिस्तान 5 फरवरी को ‘कश्मीर सोलिडेरिटी डे’ मनाता है। भारत सरकार ने इसी दिन बजट प्रस्ताव में जम्मू और कश्मीर के आर्थिक विकास को बड़ी राशि दी है। यह महत्वपूर्ण बजट जम्मू-कश्मीर में अल्पकालिक वित्तीय जरूरतों के साथ-साथ दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों को पूरा करने के भारत के इरादे को दिखाता है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए भारत का बजट कृषि, ग्रामीण विकास, पर्यटन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर जोर देता है, जिसमें सतत विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्याप्त निवेश शामिल है।

भारतीय वित्त मंत्री ने किया बड़ा वादा
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट का प्रस्ताव रखते हुए कहा, जम्मू और कश्मीर अगस्त 2019 के सुधारों के बाद से सामाजिक-आर्थिक विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार केंद्र शासित प्रदेश के त्वरित और समावेशी विकास के मार्ग खोलने के लिए सभी संभव कदन उठा रही है। जम्मू और कश्मीर में पर्यटन विकास के लिए बजट में 20 पर्यटक स्थलों के बुनियादी ढांचे और आवश्यक सुविधा बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ-साथ केरन को एक संपन्न सीमावर्ती पर्यटक गांव में बदलना और सांबा में दुग्गर दानी की स्थापना शामिल है, जिसे पारंपरिक नकली गांव सेटअप के रूप में डिजाइन किया गया है।

दूसरी ओर पाकिस्तान इस समय भारी आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। आईएमएफ से मिले 3 बिलियन डॉलर के कर्ज के सहारे पाकिस्तान अपनी आर्थिक चुनौतियों से निपटने की कोशिश कर रहा है। इसमें वह पूरी तरह से बाहरी वित्तीय सहायता पर निर्भर है। आईएमएफ से मिले कर्ज का उद्देश्य भी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में कैश फ्लो बढ़ाना और वित्तीय सुधारों के लिए आवश्यक तरलता और समर्थन प्रदान करना है।

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