नई दिल्ली,
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि अच्छे काम करने वाले को कभी सम्मान नहीं मिलता है. इस दौरान उन्होंने अवसरवादी नेताओं को सत्ताधारी दल से जुड़े रहने की इच्छा पर चिंता जताई और कहा कि विचारधारा में गिरावट लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है. गडकरी ने कहा कि ऐसे भी कई नेता हैं जो अपनी विचारधारा पर दृढ़ हैं, लेकिन उनकी संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है.
गडकरी ने बिना नाम लिए कहा, ”मैं हमेशा मजाक में कहता हूं कि चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, एक बात तय है कि जो अच्छा काम करता है उसे कभी सम्मान नहीं मिलता और जो बुरा काम करता है, उसे कभी सजा नहीं मिलती.” केंद्रीय मंत्री एक मीडिया समूह द्वारा सांसदों को उनके योगदान के लिए पुरस्कार देने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि “हमारी बहसों और चर्चाओं में मतभेद हमारी समस्या नहीं है. हमारी समस्या विचारों की कमी है.”
कुछ लोग विचारधारा के साथ खड़े हैं: गडकरी
गडकरी ने कहा, “ऐसे लोग भी हैं जो अपनी विचारधारा के आधार पर दृढ़ विश्वास के साथ खड़े हैं, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या घट रही है. विचारधारा में हो रही गिरावट लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है.”उन्होंने कहा, “न तो दक्षिणपंथी और न ही वामपंथी, हम जाने-माने अवसरवादी हैं, कुछ लोग ऐसा लिखते हैं और सभी सत्तारूढ़ दल से जुड़े रहना चाहते हैं.”
गडकरी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में, भारत लोकतंत्र की जननी है. इसी विशेषता की वजह से हमारी लोकतांत्रिक शासन प्रणाली विश्व के लिए आदर्श है. उन्होंने कहा कि राजनेता आते-जाते रहते हैं लेकिन उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों के लिए जो काम किया है वह अंततः मायने रखता है और उन्हें सम्मान दिलाता है.
गडकरी ने की लालू यादव की तारीफ
इस दौरान गडकरी ने आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव की बोलने की कला की तारीफ की और कहा कि उन्होंने पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस के व्यवहार, सादगी और व्यक्तित्व से काफी कुछ सीखा है. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के बाद मैं जिस व्यक्ति से सबसे ज्यादा प्रभावित था, वह जॉर्ज फर्नांडिस थे.
गडकरी ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की भी प्रशंसा की, जिन्हें हाल ही में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था और कहा कि ऐसे लोगों ने देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाया है. उन्होंने कहा, ”मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद उन्होंने (ठाकुर) ऑटो-रिक्शा में यात्रा की और उनकी स्थिति बहुत सामान्य थी.” उन्होंने सुझाव दिया कि राजनीतिक नेताओं को ऐसे लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए.
सपने पूरे नहीं होने पर जनता पीटती भी है
गडकरी ने 2019 में एक बड़ा बयान दिया था। उन्होंने महाराष्ट्र में कहा था कि सपने दिखाने वाले नेता लोगों को बहुत अच्छे लगते हैं। लेकिन अगर उनके दिखाए सपने पूरे नहीं होते हैं, तो जनता उनको पीटती भी है। उन्होंने कहा कि इसलिए सपने वही दिखाओ जो पूरे हो सकते हैं। गडकरी ने कहा कि मैं भी सपने दिखाने वालों में नहीं हूं जो बोलता हूं वो डंके की चोट पर बोलता हूं।
लोकसभा चुनाव में नहीं लगवाऊंगा पोस्टर, बैनर
पिछले साल केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि इस बार वो अपनी लोकसभा चुनाव के लिए पोस्टर-बैनर नहीं लगवाएंगे। न ही किसी को चाय-पानी पिलवाएंगे। गडकरी ने कहा था कि जिसको वोट देना होगा वो खुद आकर देगा। जिसको नहीं देना है, वो नहीं देगा।
एक बार कहा था, सोचता हूं राजनीति छोड़ देनी चाहिए
2022 में गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा था कि राजनीति सिर्फ सत्ता के लिए ही की जा रही है। उन्होंने तब कहा था कि कभी-कभी सोचता हूं कि मुझे राजनीति छोड़ देनी चाहिए। गडकरी ने कहा था कि राजनीति के अलावा जिंदगी में कई चीजें हैं, जो की जानी चाहिए।
मैं सत्ता में बना रहूंगा: अठावले
वहीं इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि राजनीति में नेता दल बदलते रहते हैं. उन्होंने कहा कि ‘यह पता नहीं है कि कौन सा सांसद कब किस पार्टी में जाएगा. आरपीआई चीफ ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि मैं सत्ता में बना रहूंगा. मुझे पता कि कौन सी पार्टी अपनी सरकार बनाने जा रही है.