नागपुर,
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने 26 अप्रैल को महाराष्ट्र के अकोला पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराने के लिए जारी चुनाव आयोग (ईसी) की अधिसूचना को मंगलवार को रद्द कर दिया. न्यायमूर्ति अनिल किल्लोर और एमएस जावलकर की खंडपीठ ने घोषणा की कि विधानसभा क्षेत्र में कोई उपचुनाव नहीं होगा. यह सीट पिछले साल के अंत में मौजूदा विधायक की मृत्यु के बाद खाली हो गई थी. कोर्ट ने कहा कि अगर उपचुनाव होता है तो नए सदस्य को निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वर्ष से भी कम समय मिलेगा.
पीटीआई के मुताबिक हाईकोर्ट ने अकोला निवासी अनिल दुबे द्वारा दायर एक याचिका पर फैसला सुनाया, जिसमें निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव कराने के लिए मार्च के मध्य में जारी चुनाव आयोग की अधिसूचना को रद्द करने की प्रार्थना की गई थी. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि नए विधायक का शेष कार्यकाल एक वर्ष से कम होगा. महाराष्ट्र में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं.
याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि नए आने वाले सदस्य को एक वर्ष से कम की अवधि मिलेगी और इसलिए यह (उपचुनाव कराना) जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151 (ए) का उल्लंघन होगा. इसमें कहा गया है कि 2019 में सावनेर निर्वाचन क्षेत्र मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा इसी व्याख्या पर विचार किया गया था.
पीठ ने आदेश में कहा कि अकोला पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र की सीमा तक 16 मार्च की चुनाव आयोग की अधिसूचना को रद्द कर दिया गया है और यह घोषित किया जाता है कि इस क्षेत्र में कोई उपचुनाव नहीं होगा. 3 नवंबर, 2023 को भाजपा के मौजूदा विधायक गोवर्धन शर्मा के निधन के बाद विधानसभा सीट खाली हो गई है.