धार,
मध्य प्रदेश के धार में भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सर्वे का आज सातवां दिन है. एएसआई की टीम गुरुवार को भोजशाला परिसर में पहुंची और कुछ संसाधनों के साथ खुदाई की. बता दें कि यहां सर्वे कोर्ट के आदेश पर किया जा रहा है. सर्वेक्षण के दौरान हिंदू पक्ष से आशीष गोयल, गोपाल शर्मा और मुस्लिम पक्ष से अब्दुल समद एएसआई टीम के साथ मौजूद रहे.
एजेंसी के अनुसार, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 11 मार्च को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को छह सप्ताह के भीतर परिसर का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ करने का निर्देश दिया था. इस परिसर को हिंदू पक्ष ने देवी वाग्देवी का मंदिर बताया है. वहीं मुस्लिम पक्ष ने कमल मौला मस्जिद होने का दावा किया है. इस परिसर में एएसआई ने 22 मार्च को सर्वेक्षण शुरू किया था.
मौलाना कमाल वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष समद ने कहा कि मुस्लिम यहां सर्वेक्षण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन साल 2003 के बाद परिसर के अंदर रखी गई वस्तुओं को सर्वेक्षण में शामिल करने के खिलाफ हैं. हमने सर्वेक्षण टीम के समक्ष कुछ मुद्दों पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि एएसआई टीम ने परिसर के पीछे 5-6 फीट गहरी तीन खाइयां खोदी हैं. वे अपना काम कर रहे हैं और हम उनके साथ सहयोग कर रहे हैं.
साल 2003 में बनाई गई थी ये व्यवस्था
बता दें कि 7 अप्रैल 2003 के एएसआई के आदेश के अनुसार, हिंदुओं को हर मंगलवार को भोजशाला परिसर के अंदर पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुसलमानों को शुक्रवार को यहां नमाज अदा करने की अनुमति है. ऐसा माना जाता है कि एक हिंदू राजा राजा भोज ने 1034 ई. में भोजशाला में वाग्देवी की मूर्ति स्थापित की थी. हिंदू संगठनों का कहना है कि अंग्रेज इस मूर्ति को साल 1875 में लंदन ले गए थे.