नई दिल्ली,
उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार के गढ़ रहे अमेठी से कांग्रेस किसे चुनाव मैदान में उतारेगी, इसे लेकर सस्पेंस के बीच पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का एक बयान आया है. रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है कि अमेठी की जनता मुझे अपने सांसद के रूप में देखना चाहती है. मौका मिला तो स्मृति ईरानी को चुनौती देने के लिए तैयार हूं.
वाड्रा के इस बयान से अमेठी से कांग्रेस के टिकट को लेकर बहस ने जोर पकड़ लिया है. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि हम तो चाहते हैं कि अमेठी से राहुल गांधी ही चुनाव लड़ें. वाड्रा की दावेदारी और राहुल की उम्मीदवारी पर सस्पेंस के बीच सवाल यह भी उठ रहे हैं कि अमेठी का टिकट फाइनल करने से कांग्रेस क्यों बच रही है?
अमेठी पर निर्णय से क्यों बच रही कांग्रेस?
रॉबर्ट वाड्रा के बयान ने भी चर्चा की दिशा बदल दी है. अब चर्चा यह शुरू हो गई है कि क्या राहुल की सीट से कांग्रेस इस बार वाड्रा को उतारने के मूड में है? दरअसल, राहुल गांधी 2019 के चुनाव में अमेठी सीट से हार गए थे. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की स्मृति ईरानी ने अमेठी में राहुल गांधी को हरा दिया था. राहुल तब केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव मैदान में थे. राहुल वायनाड से जीतने में सफल रहे थे. राहुल गांधी इस बार भी वायनाड सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जहां इस बार उनका मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार के सुरेंद्रन और लेफ्ट की एनी राजा से है.
वायनाड में लेफ्ट पार्टियां जमीन पर यह नैरेटिव सेट करने की कोशिश में हैं कि राहुल गांधी अमेठी से भी चुनाव लड़ेंगे और अगर वह वहां से जीत गए तो वायनाड सीट खाली कर देंगे. वायनाड में वोटिंग से पहले कांग्रेस ने अमेठी से राहुल गांधी के उतरने का ऐलान कर दिया तो हो सकता है कि लेफ्ट यह नैरेटिव सेट करने की रणनीति में सफल हो जाए. अगर ऐसा हुआ तो वायनाड सीट से राहुल गांधी के जीतने की संभावनाओं को नुकसान पहुंच सकता है. वायनाड सीट पर वोटिंग तक कांग्रेस की रणनीति अमेठी सीट को लेकर सस्पेंस बनाए रखने की हो सकती है.
रॉबर्ट वाड्रा के बयान से कांग्रेस को क्या फायदा?
रॉबर्ट वाड्रा को कांग्रेस कहीं से टिकट दे या न दे, लेकिन अमेठी को लेकर उनके बयान पर शुरू हुई बहस से कांग्रेस को दो फायदे हैं. अमेठी से राहुल गांधी लड़ेंगे, बहस इससे हटकर अब वाड्रा पर शिफ्ट हो गई है. इससे अमेठी से उम्मीदवारी के दावे कर वायनाड में राहुल को घेरने की विपक्षी रणनीति कुंद होगी. इसका उत्तर प्रदेश में यह संदेश जाएगा कि अमेठी सीट से गांधी परिवार मैदान नहीं छोड़ रहा. अमेठी से गांधी परिवार का कोई सदस्य ही चुनाव मैदान में उतरेगा या फिर किसी रिश्तेदार को टिकट दिया जाएगा.
अमेठी से चुनाव लड़ेंगे राहुल गांधी?
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और दूसरे नेता भी अमेठी सीट से राहुल गांधी के ही चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं. कहा यह भी जा रहा है कि अमेठी सीट से राहुल गांधी को उतारना कांग्रेस के लिए जरूरी भी है और मजबूरी भी. अगर राहुल अमेठी छोड़ते हैं तो इससे यूपी के साथ ही आसपास के दूसरे राज्यों में भी नकारात्मक संदेश जाएगा. ऐसे में हो सकता है कि वायनाड में मतदान के बाद कांग्रेस अमेठी सीट से राहुल गांधी की उम्मीदवारी का ऐलान कर दे.
वायनाड सीट पर 26 अप्रैल को दूसरे चरण में वोटिंग होनी है जबकि अमेठी में मतदान पांचवे चरण में होगा. पांचवे चरण की सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया 26 अप्रैल से शुरू होकर 3 मई तक चलेगी. ऐसे में कांग्रेस अमेठी से टिकट फाइनल करने में किसी तरह की हड़बड़ी नहीं दिखाना चाहती.
अमेठी में 20 मई को मतदान
अमेठी सीट से नामांकन की प्रक्रिया 26 अप्रैल से 3 मई तक चलेगी. नामांकन पत्रों की जांच 4 मई को होगी और नामांकन पत्र वापस लेने के लिए अंतिम तारीख 6 मई है. अमेठी में लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में 20 मई को वोटिंग होनी है. चुनाव नतीजों का ऐलान 4 जून को होगा.