छपरा
बिहार की राजनीति को लालू यादव अपने हिसाब से हांकते हैं। लालू यादव पर कोई फैसला थोप नहीं सकता। लालू ने जो फैसला ले लिया, वो अंतिम फैसला है। लालू यादव जब तक सक्रियता के साथ राजनीति में हैं, उन्हें कोई भरमा नहीं सकता। वो जो चाहते हैं, वहीं करते हैं। ये कहना है सियासी जानकारों का। जानकार मानते हैं कि लालू यादव ने लोकसभा चुनाव की कमान खुद अपने हाथों में ली है। उन्होंने टिकट बंटवारे में कांग्रेस को महज बी टीम बनाकर रख दिया। टिकट खुद बांटने लगे। कांग्रेस को रायशुमारी के लायक भी नहीं समझा। स्थिति ये हुई कि पूरे बिहार के आरजेडी नेता नाराज हो गए। कई बड़े चेहरों ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। कई जगहों पर अब उनकी पार्टी के पुराने परिवार लालू की पार्टी के खिलाफ ताल ठोकने को तैयार हैं।
प्रभुनाथ सिंह का परिवार
छपरा की महाराजगंज लोकसभा सीट से प्रभुनाथ सिंह विजयी होते रहे। फिलहाल वो जेल में हैं। महाराजगंज सीट कांग्रेस के खाते में चली गई है। स्वाभाविक है कि लालू यादव को इस सीट से कोई मतलब नहीं है। उन्हें पता है कि प्रभुनाथ सिंह जैसी हैसियत उनके बेटों और परिवार की नहीं है। लालू यादव ने यही सोचकर महाराजगंज की चिंता नहीं की। अब सूत्रों की मानें, तो महाराजगंज सीट लालू के लिए बहुत बड़ी मुसीबत बनने जा रही है। क्योंकि यहां से बाहुबली प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। कुल मिलाकर इंडी ब्लॉक का कोई मायने नहीं रह गया। कांग्रेस के खिलाफ अब रणधीर सिंह चुनाव मैदान में उतरेंगे। रणधीर सिंह ने आज अपने कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक की। चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर चर्चा के लिए 28 अप्रैल को बैठक बुलाई है। रणधीर सिंह ने सीधे तौर पर राजद पर धोखा देने का आरोप लगाया है।
आरजेडी के एक और नेता बागी
ध्यान रहे कि महाराजगंज सीट प्रभुनाथ सिंह के प्रभाव वाली सीट मानी जाती है। इस सीट पर सांसद रहे प्रभुनाथ सिंह के जेल जाने के बाद उनके बेटे रणधीर सिंह लगातार संघर्ष कर रहे थे। इसी बीच गठबंधन में ये सीट कांग्रेस को दे दी गई। जिससे नाराज रणधीर सिंह ने अब बागी तेवर दिखाएं हैं। 28 अप्रैल को यह फैसला होगा कि क्या रणधीर सिंह निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगे। राजद का टिकट नहीं मिलने पर पूर्व राजद प्रत्याशी रणधीर सिंह ने अपने समर्थकों के साथ मशरक आवास पर शुक्रवार को रायशुमारी की। पिछले लोकसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे रणधीर के समर्थक सीट कांग्रेस के खाते में जाने से काफी खफा दिखे। महाराजगंज से बीजेपी सांसद जनार्दन सिग्रीवाल को पार्टी ने तीसरी बार रिपीट किया है। रणधीर सिंह की सीधी लड़ाई कांग्रेस प्रत्याशी से होगी।
28 अप्रैल को फाइनल होगा
पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के पुत्र और प्रत्याशी रणधीर सिंह ने कहा कि मेरे पिता प्रभुनाथ सिंह सहित पूरा परिवार राजद के लिए समर्पित रहा है। बावजूद इसके अंतिम क्षण में महाराजगंज को राजद नेतृत्व ने कांग्रेस के झोली में डाल दिया। हम सभी दल से ऊपर क्षेत्र के विकास और कार्यकर्ताओं के लिए चुनाव लड़ते आ रहे हैं। महाराजगंज संसदीय क्षेत्र में विकास का इतिहास गढ़ने वाले पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के पुत्र रणधीर सिंह को राजद से बेटिकट करना कार्यकर्ताओं ने एक साजिश बताया। बैठक को मुख्य रूप से पूर्व रणधीर सिंह के चाचा विधायक केदारनाथ सिंह , पूर्व मुखिया छोटे प्रसाद सिंह, शिक्षक नेता समरेंद्र बहादुर सिंह, रामजीवन सिंह, पूर्व प्रमुख राजकुमार राय, मुखिया सुभाष सिंह ने संबोधित किया।