ईरान ने भारत को दी थी इजरायल पर हवाई हमले की पूरी जानकारी, अब मध्यस्थता का भी दिया ऑफर

तेहरान

भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने कहा है कि भारत गाजा में इजरायल के अभियानों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि ईरान क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने के लिए भारत की किसी भी मध्यस्थ भूमिका का स्वागत करेगा। इलाही ने कहा कि ईरान ने पिछले सप्ताह इजरायल पर हुए हवाई हमले के बारे में भारत को पूरी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य, “इजरायल को रोकना” और “लाल रेखाओं को पार करने की संभावित कीमत” को प्रदर्शित करना था। राजदूत ने यह भी दावा किया कि दोनों उद्देश्यों को हासिल कर लिया गया है। व्हाइट हाउस ने 13 अप्रैल को इजरायली ठिकानों पर लगभग 350 ड्रोन और मिसाइलें भेजने वाले ईरान के हमले को “शर्मनाक विफलता” बताया है, क्योंकि 90% से अधिक को अमेरिका, इजरायल और जॉर्डन ने पहले ही मार गिराया था।

इजरायल को समझ आ गई ईरान की क्षमता
द हिंदू को एक लिखित उत्तर मे ईरानी राजदूत ने कहा, “इजरायल और पश्चिमी देश यही कहते हैं। लेकिन हकीकत कुछ और है और इजरायली शासन को समझ आ गया कि ईरान की मिसाइल क्षमता क्या है। प्रत्येक ऑपरेशन का अपना उद्देश्य होता है। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य इजरायल को रोकना और उन्हें उनके लापरवाह कार्यों के खतरनाक परिणामों के बारे में चेतावनी देना था।” उन्होंने कहा कि ऑपरेशनों ने “साबित” कर दिया है कि अगर ईरान “अधिक विकसित हथियारों” का उपयोग करने का निर्णय लेता है तो इजरायली रक्षा बलों के सभी “महत्वपूर्ण सैन्य अड्डे” “आसानी से सुलभ” होंगे।

ईरान बोला- हमारी प्रतिक्रिया वैध
ईरान ने कहा है कि उसके हमले 1 अप्रैल को दमिश्क में ईरानी दूतावास की इमारत पर इजरायल की बमबारी की “वैध” प्रतिक्रिया थी, जिसमें एक वरिष्ठ ईरानी जनरल सहित सात सैन्य सलाहकार मारे गए थे। ईरानी राजदूत इलाही ने इजरायल के उस हमले को वियना कन्वेंशन और राजनयिकों की सुरक्षा पर अन्य सम्मेलनों का उल्लंघन बताया था। इजरायल के हमले और ईरान के जवाबी हमले दोनों पर भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया को तटस्थ के रूप में देखा गया है, जिसमें किसी भी देश की प्रत्यक्ष निंदा नहीं की गई है, लेकिन क्षेत्र में तनाव बढ़ने के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की गई है।

गाजा पर इजरायली हमले की आलोचना की मांग
इलाही ने कहा, “मैं भारत सरकार के लिए नहीं बोल सकता। ऐसी स्थितियों में प्रत्येक देश की अपनी स्थिति होती है। लेकिन यह निश्चित है कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के अनुसार राजनयिक स्थानों पर हमला करना प्रतिबंधित है।” उन्होंने कहा कि भारत को 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों के प्रतिशोध में गाजा में इजरायली कार्रवाई की निंदा करनी चाहिए, जिसमें 1,200 से अधिक इजरायली मारे गए और दर्जनों को बंधक बना लिया गया। तब से इजरायली कार्रवाई में 35,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।

भारत को मध्यस्थ बनने की पेशकश
इलाही ने कहा, “हमारा मानना है कि भारत गाजा में इजरायली कार्रवाई को रोकने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।” उन्होंने कहा, “भारत सरकार इजरायल की इन कार्रवाइयों की निंदा करने में सक्रिय भूमिका निभा सकती है।” यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ईरान और इजरायल दोनों के साथ अपने मजबूत रणनीतिक संबंधों को देखते हुए इस क्षेत्र में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है। इस पर ईरानी राजदूत ने कहा कि उनकी सरकार “क्षेत्र में तनाव कम करने और शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए किसी भी कार्रवाई का स्वागत करेगी।”

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