‘हम लोग इमरजेंसी के भुक्तभोगी, हमको दर्द मालूम, राहुल गांधी का पूरा परिवार ही संविधान विरोधी…’, बंपर गरजे ललन सिंह

मुंगेर/नई दिल्ली:

लोकसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री और मुंगेर लोकसभा सीट से जेडीयू के सांसद राजीव रंजन ऊर्फ ललन सिंह ने राहुल गांधी के पूरे परिवार को संविधान विरोधी बता दिया। इमरजेंसी का जिक्र करते हुए ललन सिंह ने पूरी कांग्रेस को निशाने पर लिया। उन्होंने अपनी बात की शुरुआत राष्ट्रपति का धन्यवाद करने से शुरू की। इसके बाद ललन सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में नरेंद्र मोदी की सरकार में पिछले 10 साल में हुए काम का दर्पण है। आने वाले बजट में अगले पांच साल के लिए परफॉर्म, रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का पूरा विस्तृत ब्योरा पेश किया जाएगा। देश की जनता ने नरेंद्र मोदी को तीसरे कार्यकाल के लिए जनादेश दिया है। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान विरोधी दलों की ओर से अभियान चलाया जा रहा था। उसके बाद खासकर आज विरोधी दल के नेता का जो भाषण रहा दोनों को मिलाकर देखेंगे तो ऐसा लगता है कि वह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर नहीं, बल्कि किसी चुनावी सभा में भाषण दे रहे हैं। इस तरह के दुष्प्रचार संवैधानिक संस्थाओं पर हमला है। आज भी लोकसभा के अध्यक्ष पर हमला कर रहे हैं। उस समय पर संवैधानिक संस्थाओं पर हमला किया, लेकिन जनता ने रिजेक्ट कर दिया। जनता ने मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को स्वीकार किया और पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का जनादेश दिया।

‘भ्रष्टाचारियों पर ऐक्शन जारी रखें प्रधानमंत्री’
ललन सिंह ने आगे कहा कि देश की जनता ने जो तीसरी बार मोदी को जनादेश दिया है, उसका मतलब साफ है कि भ्रष्टाचार पर जो आपने हमला किया है उसे जारी रखिए। इसके साथ ही इस देश के भ्रष्टाचारियों को समाप्त करने का काम किया। अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए जो कार्यक्रम चलाए हैं उसे जारी रखिए। मोदी को गरीबों के लिए की गई सेवा पर मुहर लगाया है। देश को विकसित बनाने के लिए देश की जनता ने समर्थन दिया है।

‘मैं हूं इमरजेंसी का गवाह’
ललन सिंह ने अपने भाषण के दौरान जिक्र किया कि 1971 में एक चुनाव हो रहा था। उस चुनाव में कांग्रेस पार्टी का नारा था- ‘गरीबी हटाओ और देश बचाओ।’ जनता ने इनपर भरोसा किया और बहुमत दिया। इसके तीन साल बाद 1974 में देश में जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में सबसे बड़ा आंदोलन हुआ। इस देश की जनता ने साफ कर दिया कि इन्होंने अपना वादा नहीं निभाया। जन आंदोलन जब चरम पर पहुंचा तब सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा गांधी के रायबरेली से हुए चुनाव को अवैध घोषित कर दिया। इसके बाद रातो राज देश में इमरजेंसी लागू हो गया। हम सब उठाकर जेल में बंद कर दिए गए। आपातकाल लागू होने के बाद की सारी संवैधानिक संस्थाओं के साथ सारी जनता के मौलिक अधिकार बंद कर दिया गया। किसी को बोलने का हक नहीं था। किसी को बोलने का हक नहीं था, किसी को चिल्लाने का हक नहीं था, प्रेस की आजादी को सेंसर कर दिया गया। मैं भी जेल में बंद रहा। इस बार जब लोकसभा के नये सदन का पहला दिन था तब कांग्रेस पार्टी के लोग संविधान का किताब लेकर आ रहे थे। आज भी नेता प्रतिपक्ष बोल रहे थे संविधान की जय हो। जिस व्यक्ति और जिस पार्टी ने इस देश के संविधान की धज्जी उड़ाई हो, जिस पार्टी ने संविधान को कलंकित किया हो, उस पार्टी को सदन में संविधान लेकर आने का क्या हक है। उनको संविधान की चर्चा करने का कोई हक नहीं है। पूरी इमरजेंसी इस बात की गवाह है कि कांग्रेस ने संविधान को समाप्त करने का काम किया। ये सत्य है, सत्य सुनने की आदत डालिए। देश का इतिहास जब भी लिखा जाएगा तो आपातकाल कलंकित करने वाला अध्याय होगा। उस वक्त ममता बनर्जी भी कांग्रेस में थी और इमरजेंसी का समर्थन कर रही थी। आप मत बोलिए सौगत राय साहब, हम लोग इमरजेंसी के भुक्तभोगी हैं। हमको दर्द मालूम है। आप लोगों को संविधान से कुछ नहीं लेना देना है।

‘कांग्रेस ने बर्खास्त की थी करुणानिधि की सरकार’
जेडीयू सांसद ने कहा कि सदन में कई और पार्टी के लोग संविधान की प्रति लेकर आए, जैसे डीएमके, समाजवादी पार्टी। खैर इन दोनों को सदन में संविधान लेकर आने का हक है। मुझे याद है इमरजेंसी की वह बात जब तमिलनाडु में करुणानिधि की सरकार को कांग्रेस ने बर्खास्त कर दिया। सबको उठाकर जेल में बंद कर देने का काम किया। सपा और डीएमके वाले कांग्रेस पार्टी के साथ रहिए लेकिन संविधान खत्म करने वालों का समर्थन मत कीजिए। इस देश में जॉर्ज फर्नांडीस एक ऐसे नेता रहे, जिसकी देशभक्ति रोम रोम में भरी थी। इमरजेंसी के दौरान इन लोगों ने जॉर्ज फर्नांडीस को कितना परेशान किया। नेता विरोधी दल का परिवार संविधान विरोधी है। काला अध्याय में आपके परिवार का इतिहास लिखा जाएगा।

‘ईवीएम खराब तो बंगाल में कैसे बनी सरकार’
ललन सिंह ने कहा कि पूरे चुनाव प्रचार के दौरान इन्होंने इस देश की चुनाव प्रक्रिया पर प्रश्नचिन्ह उठाया। पूरी दुनिया में भारत की चुनाव प्रक्रिया को बदनाम किया। बीच में सुप्रीम कोर्ट जाते रहे। ईवीएम मशीन को, चुनाव आयोग को कोर्ट में चुनौती देने के लिए जाते रहे। अगर ईवीएम खराब है तो सौगत राय जी बताएं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार बंगाल में कैसे बन गई। कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में आपकी सरकार कैसे बन गई, जब हारने की बारी आ जाए तो ऐसा दिखावा कीजिए जैसे निष्पक्ष चुनाव नहीं हो रहा है, बेइमानी से कोई जीत रहा है। बैलेट पेपर से जब चुनाव होता था तब भी हम लोगों ने देखा था। हम लोगों ने देखा है कि जब बैलेट बॉक्स से बिना मुहर का पेपर निकलता था और उसी को गिनकर आपको जीत मिलता रहा। आप सरकार चलाते रहे और संविधान की धज्जी उड़ाते रहे। वही आप आज भी चाहते हैं। नरेंद्र मोदी की सरकार इसको कभी भी स्वीकार नहीं करेगी। देश की जनता का भरोसा इस सरकार पर है।

‘कांग्रसियों ने हजारों सिखों की हत्या की’
ललन सिंह ने कहा कि याद है ना, देखा होगा, जिस दिन संविधान सभा के सेंट्रल हॉल में एनडीए की बैठक थी, तब भी नरेंद्र मोदी आते ही सबसे पहले देश के संविधान का नमन किया। जिस व्यक्ति ने संविधान को नमन कर देश की बागडोर संभाली हो उससे इस संविधान को कोई खतरा नहीं हो सकता है। संविधान को खतरा कांग्रेस से है। आप संविधान विरोधी रहे हैं।

जेडीयू सांसद ने कहा कि अर्थव्यवस्था में 11वें नंबर थे, हम पांचवे नंबर पर आ गए। अगले पांच साल में तीसरे नंबर पर आ जाएगी। अकेले भारत का जो योगदान है दुनिया के विकास में वह 15 फीसदी है। यह मोदी जी की उपलब्धि है। इस देश की राजधानी दिल्ली में जब दंगे हुए तब इन्हीं कांग्रसियों ने रोड पर घूमघूम कर हजारों सिखों की हत्याएं की।

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