ग्वालियर/हाथरस ,
उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए हादसे में मरने वाले 122 लोगों में मध्य प्रदेश के ग्वालियर निवासी रामश्री नाम की महिला भी शामिल थी. 45 साल की रामश्री ग्वालियर के 9 लोगों के साथ हाथरस में आयोजित सत्संग में शामिल होने के लिए गई थी. लेकिन सत्संग के बाद हुए हादसे में उनकी मौत हो गई. बुधवार को उनके शव को ग्वालियर के जगजीवन नगर स्थित उनके घर लाया गया. इसके बाद राम श्री के शव का अंतिम संस्कार किया गया.
रामश्री के बेटे पंकज जाटव ने बताया, उनकी मां अक्सर सत्संग में जाया करती थी. ग्वालियर के मेला ग्राउंड और तिघरा इलाके में भी साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा का सत्संग 7-8 महीने पहले आयोजित हुआ था, उसमें भी पड़ोस की तमाम महिलाओं के साथ मां गई थी.बीते सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात को वो ग्वालियर के 9 लोगों के साथ गाड़ी करके हाथरस में आयोजित सत्संग में शामिल होने गई थी. इसके बाद पंकज को सूचना मिली थी कि उनकी मां लापता हो गई है.
पंकज हाथरस पहुंचे तो वहां उन्हें उनकी मां रामश्री नजर नहीं आई. जिसके बाद वे अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां उन्हें उनकी मां का शव रखा मिला. बुधवार को रामश्री के शव को ग्वालियर लाया गया. राम श्री का शव घर पहुंचते ही मोहल्ले में मातम पसर गया. रामश्री का अंतिम संस्कार किया गया. सत्संग में जाने वाली वैजयंती बाई ने बताया, 10 लोग ग्वालियर से हाथरस सत्संग में शामिल होने गए थे, जिनमें से राम श्री की मौत हो गई जबकि 9 लोग सुरक्षित है.
वैजयंती ने बताया कि जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस वक्त वह जल सेवा कर रही थी, इसलिए उन्हें इस हादसे का पता नहीं लगा. जब वह जल सेवा करने के बाद अपनी गाड़ी पर पहुंची, तब घटना के बारे में उन्हें जानकारी मिली.
रामश्री अपने पीछे 3 बेटे और 2 बेटियों को छोड़ गई हैं. रामश्री के पति का पहले ही देहांत हो चुका था, इसलिए उनके कंधों पर ही घर का पूरा भार था. अब रामश्री के जाने के बाद उनके बड़े बेटे पंकज के कंधों पर घर की जिम्मेदारी आ गई है. पंकज का कहना है कि हाथरस में हुए हादसे के लिए आयोजक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
पता हो कि हाथरस जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि के नाम से प्रसिद्ध भोले बाबा के कार्यक्रम में लाखों श्रद्धालु जुटे थे. इस दौरान मची भगदड़ में 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी.