जयपुर
दौसा में दसवीं कक्षा के छात्र की स्कूल में हार्ट अटैक से मौत हो जाने के बाद प्रदेशभर में कोविड वैक्सीन का मुद्दा फिर से गर्माने लगा है। इस मामले को लेकर अब विधानसभा में विधायक यूनुस खान ने भी सवाल उठाया है। लिहाजा सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर चर्चा तेज हैं। इससे पहले भी राजस्थान में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें कोविड की वैक्सीन और बूस्टर डोज को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो चुके हैं। पूरे प्रदेश में इस मुद्दे बहस शुरू हो गई। आईये नजर डालते हैं राजस्थान में पिछले तीन महीने में हुए ऐसे कुछ
केस नं. 1 – अजमेर में तंदुरुस्त युवक अचानक गिर पड़ा
अजमेर में 5 जुलाई को एक हट्टा-कट्टा होमगार्ड का जवान देखते ही देखते खड़ा-खड़ा लुढ़क गया। इसको लेकर सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया। हैरान कर देने वाली जवान की इस मौत ने लोगों के होश उड़ा दिए। अजमेर के सदर कोतवाली थाना अंतर्गत यह मामला सामने आया। जहां एक ऑफिस के नीचे खड़े गगवाना निवासी होमगार्ड हरिराम गुर्जर डीटीएच डिश टीवी कनेक्शन के ऑफिस में काम करता है। ऑफिस का पेमेंट देने के लिए 5 जुलाई को अजमेर के कचहरी रोड स्थित एचडीएफसी बैंक के पास गया था। ऑफिस के नीचे पेमेंट देने वाले व्यक्ति का इंतजार कर रहा था। इस दौरान 7 सेकंड का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, इसमें हरिराम खड़े-खड़े अचानक जमीन पर गिरता है, जिसके बाद एक-दो बार वो तड़पता है और उसके कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई।
केस नं. -2, दसवीं में पढ़ने वाले बर्थडे बॉय की भी अचानक मौत
दौसा जिले के एक स्कूल में शनिवार 6 जुलाई को भी दसवीं क्लास के 16 साल के एक छात्र की उसके बर्थडे के दिन ही अचानक मौत हो गई। छात्र यतेंद्र उपाध्याय बांदीकुई के पास पंडितपुरा गांव का रहने वाला था। यतेंद्र जब स्कूल पहुंचा, तो एकदम स्वस्थ लग रहा था, लेकिन अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह स्कूल की गैलेरी से जाते समय बेहोश होकर गिर गया। स्कूल स्टाफ ने तुरंत उसे बांदीकुई अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह पूरा घटनाक्रम स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
केस नंबर-3: सिर पर बाइक उठाने वाले बीजेपी नेता की मौत
मार्च महीने में कोटा के बॉडीबिल्डिंग का शौक रखने वाले बीजेपी नेता देशराज पोसवाल की मौत ने भी हर किसी को हैरान कर दिया था। जिम में वर्कआउट करने के दौरान बीजेपी के युवा नेता देशराज गुर्जर की अचानक तबियत बिगड़ गई थी। देशराज के ऐसे कई वीडियो वायरल होते थे, जहां वह सामाजिक कार्यक्रम में हजारों की भीड के बीच, दोनों हाथों से मोटरसाइकिल उठाकर करतब दिखाते थे। गांव में ट्रॉली को पीठ के बल खींचते थे। मीडिया रिपोटर्स के अनुसार 7 मार्च 2024 को जिम में साइकिल चलाते समय उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई। इसके बाद जिम से उन्हें निजी अस्पताल लेकर गए। घंटेभर तक डॉक्टर्स ने बचाने की कोशिश की मगर उनकी तबियत बिगड़ की चली गई। इससे बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पिछले साल भी डॉक्टरों की अचानक मौत से हुआ था हड़कंप
लोगों का मानना है कि अचानक साइलेंट अटैक के कारण मौत का सिलसिला कोविड वैक्सीन लगने के बाद शुरू हुआ हैं। पिछले साल भी जयपुर में डॉक्टरों के अचानक मौत हो जाने से हड़कंप मच गया था। इसमें एसएमएस मेडिकल कॉलेज में प्लैटिनम जुबली समारोह के दौरान क्रिकेट खेलते समय 55 वर्षीय डॉक्टर अरुण गर्ग अचानक साइलेंट अटैक का शिकार हुए और इससे उनकी मौत हो गई। इसके बाद एक और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया। जब जयपुर के जगतपुर के एक निजी अस्पताल के डायरेक्टर और सीनियर हड्डी स्पेशलिस्ट डॉक्टर सौरभ माथुर बैडमिंटन खेल रहे थे, तभी अचानक उन्हें साइलेंट अटैक आ गया और उनकी मौत हो गई। एक सप्ताह में दो चिकित्सकों की अचानक मौत से चिकित्सा जगत भी सदमे में आ गया।
वैक्सीन कम्पनी ने भी माना, कोविशील्ड से हार्ट अटैक का खतरा
इस दौरान एक चौकाने वाला खुलासा हुआ। इसमें वैक्सीन बनाने वाली ब्रिटिश फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना था कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड के कारण थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) के साथ थ्रोम्बोसिस नामक एक दुर्लभ दुष्प्रभाव हो सकता है। वैक्सीन निर्माता ने कोर्ट में पेश दस्तावेज़ों में कहा कि कोविशील्ड, दुर्लभ मामलों में एक ऐसी स्थिति का कारण बन सकती है, जिससे खून के थक्के जम सकते हैं और प्लेटलेट की संख्या कम हो सकती है। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। यह खुलासा कंपनी के खिलाफ दायर एक मुकदमे के बाद सामने आया है, जिसमें टीके से जुड़े गंभीर नुकसान और
विधानसभा में भी उठ चुका है यह सवाल
इस मामले को लेकर डीडवाना विधायक यूनुस खान ने भी विधानसभा में सवाल उठाया। इसमें सरकार से पूछा कि क्या यह सही है कि कोरोना के बाद साल 2020 से अब तक हृदयाघात से होने वाली मौतों के मामले में वृद्धि हुई है? यदि हां, तो सरकार ने इन मौतों के संबंध में कोई आंकलन किया है? यदि हां, तो विवरण सदन की मेज पर रखें। उन्होंने आगे पूछा क्या कोरोना काल के बाद होने वाली मौतों में साईलेंट हार्ट अटैक इसका कारण रहा है? युनुस खान ने यह भी पुछा कि हार्ट अटैक के मामलों में कोरोना की वैक्सीनेशन या बूस्टर डोज लगवाने वाले लोगों की संख्या कितनी और कुल मौतों का कितना प्रतिशत है? इस पर सरकार ने भी माना है कि हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि हुई है, लेकिन राज्य सरकार ने इसका कोई आंकलन नहीं करवाया है।