परमाणु ऊर्जा, खाद और स्पेयर पार्ट्स की डील… PM मोदी के रूस दौरे से इन मुद्दों पर बनी बात

मॉस्को,

सच्चा दोस्त वही है जो भरोसेमंद और वफादार हो. जो सिर्फ अच्छाई ही न बताए बल्कि आपकी बुराइयों की तरफ भी इशारा करे. प्रधानमंत्री मोदी ने भी आज यही किया. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एक बार फिर याद दिलाया कि युद्ध के मैदान से शांति का रास्ता नहीं निकलता. बड़ी बात ये है कि पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी की इस सलाह का सम्मान किया और यूक्रेन संकट के हल को लेकर भारत की कोशिशों की सराहना की.

भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय वार्ता का ये कार्यक्रम 25 साल से चल रहा है. 22 बार हम मिल चुके हैं. लेकिन ये शायद मीटिंग ऐसी है कि पूरे विश्व का ध्यान मेरी इस यात्रा पर केंद्रित हुआ है. विश्व भांति-भांति के मीनिंग निकाल रहा है.

मोदी और पुतिन की इस शिखर वार्ता को सारी दुनिया टकटकी लगाकर देख रही है. खासकर रूस विरोधी नाटो देश. जो अमेरिका में बैठक के लिए इकट्ठा हैं. सारी दुनिया ये देखना चाहती थी कि तीसरी बार जीत के बाद नरेंद्र मोदी यूक्रेन पर राष्ट्रपति पुतिन को क्या संदेश देते हैं? युद्ध को रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी शांति का वो कौन सा सूत्र पेश करते हैं. जिसे पुतिन के सामने रखने की हिम्मत सिर्फ और सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री के पास है.

ऐसे में ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही थे. जिन्होंने रूस के राष्ट्रपति से दो टूक कहने की हिम्मत दिखाई कि ये युग युद्ध का नहीं है. तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद रूस पहुंचे मोदी ने अपनी इसी बात को आगे बढ़ाते हुए पुतिन से दो टूक कहा  कि मैं ये भी जानता हूं कि युद्ध के मैदान में समाधान संभव नहीं होते. बम, बंदूक और गोलियों के बीच शांति वार्ताएं सफल नहीं होती हैं और हमें वार्ता के माध्यम से शांति के रास्ते अपनाने होंगे.

इसके जवाब में पुतिन ने कहा- आप यूक्रेन संकट का जो हर निकालने की कोशिश कर रहे हैं हम उसके लिए आपके आभारी हैं. पीएम मोदी ने पुतिन से कहा कि शांति की बहाली में भारत हर संभव सहयोग करने को तैयार है. आपका भी विचार सुनकर खुशी हुई. आपको भी आश्वस्त करता हूं कि भारत शांति के पक्ष में है. शांति के लिए मेरे मित्र पुतिन की बातों को सुनकर मेरे मन में आशा पैदा हुई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन से ये बातें ऐसे वक्त में कहीं जब यूक्रेन पर रूस की तरफ से पिछले कुछ समय का सबसे बड़ा हमला हुआ है. यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में रूस ने 40 मिसाइलें दागीं, जिसकी चपेट में एक बच्चों का अस्तपाल भी आ गया. सारी दुनिया में इस हमले के लिए रूस की आलोचना हो रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने इसे लेकर भारत की बात पुतिन के सामने रखी.

पीएम मोदी को मिला रूस का सर्वोच्च सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान से नवाजा. पुतिन ने पीएम मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से नवाजा, जो कि रूस का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है. इस सम्मान से नवाजे जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है.

रूस रवाना होने से पहले ही ये माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन युद्ध पर अपनी बात रखेंगे. भारत ने इस मुलाकात से पहले ही साफ कर दिया था कि यूक्रेन युद्ध का हल युदध के मैदान पर नहीं निकल सकता. इसी लाइन पर प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से अपनी बातें कही. पुतिन ने जिस सहजता से भारत की चिंता को गंभीरता से लिया उसने ये बता दिया कि दोनों देशों की दोस्ती में कितनी गहराई है.

2 घंटे तक चली शिखर वार्ता
प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन के बीच शिखर वार्ता 2 घंटे तक चली. इस बैठक में दोनों नेताओं ने 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के कारोबार का लक्ष्य रखा. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने रूस की सेना में भर्ती भारतीयों का भी मुद्दा उठाया. जिस पर रूस की तरफ से जल्द से जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया गया.

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, ‘रूस की सेना में भर्ती भारतीयों की सही-सही संख्या के बारे में जानकारी नहीं है. हमें लगता है कि ऐसे लोगों की संख्या 35 से 50 थी जिसमें से 10 देश लौट चुके हैं. प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया. जिसके बाद उम्मीद है कि ऐसा जल्द ही होगा.’

एक तरफ भारत और रूस के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ ये सब देखकर अमेरिका परेशान है. मोदी और पुतिन की मुलाकात से पहले अमेरिका की तरफ से यूक्रेन को केंद्र में रखते हुए बयान दिया गया. लेकिन पीएम मोदी ने आज दिखा दिया कि भारत रूस से अपनी दोस्ती नहीं छोड़ेगा.

About bheldn

Check Also

PM मोदी के सामने बोले ट्रूडो- कनाडा के नियमों का पालन जरूरी, नागरिक सुरक्षा मौलिक जिम्मेदारी

नई दिल्ली कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शुक्रवार को कहा कि लाओस में आसियान शिखर …