मुंबई,
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) से नाराजगी के चर्चे कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं. अब छगन भुजबल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के प्रमुख शरद पवार से मिलने उनके आवास पहुंच गए हैं. छगन की अपने पूर्व नेता से अचानक इस मुलाकात को लेकर अब अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.
जानकारी के मुताबिक छगन भुजबल अचानक ही सोमवार को शरद पवार के निवास स्थान सिल्वर ओक पहुंच गए. बताया जाता है कि भुजबल ने इस मुलाकात के लिए पहले से समय नहीं लिया था. छगन भुजबल के शरद पवार से मिलने पहुंचने को लेकर अब कयास उनके पालाबदल के भी लगाए जा रहे हैं. हालांकि, इस मुलाकात को लेकर छगन भुजबल या शरद पवार, किसी की ओर कोई बयान नहीं आया है.
छगन भुजबल राज्यसभा चुनाव में पार्टी की ओर से अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर नाराज बताए जा रहे थे. सुनेत्रा पवार लोकसभा चुनाव में बारामती सीट से एनसीपी (अजित पवार) के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी थीं लेकिन उन्हें सुप्रिया सुले से मात मिली थी.
एक दिन पहले ही शरद पर साधा था निशाना
छगन भुजबल ने एक दिन पहले ही शरद पवार पर जमकर हमला बोला था. छगन भुजबल ने आरक्षण के मुद्दे पर सीएम एकनाथ शिंदे की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से महा विकास अघाड़ी के किनारा करने को लेकर शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा था कि बारामती से फोन आने के बाद एमवीए नेता बैठक में शामिल नहीं हुए. छगन भुजबल की ये मुलाकात आरक्षण पर चर्चा और सर्वदलीय बैठक से जुड़ी है या पार्टी के भीतर चल रही उठापटक से जुड़ी है, ये देखना होगा.
पवार के करीबियों में होती थी भुजबल की गिनती
छगन भुजबल की गिनती कभी शरद पवार के करीबियों में होती थी. अजित पवार की अगुवाई में हुई बगावत के बाद जब एनसीपी दो धड़ों में बंट गई थी, भुजबल भी बागी गुट में शामिल थे. भुजबल का नाम एनसीपी के उन नेताओं में भी था जिन्हें अजित के साथ महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी.
छगन भुजबल ऐसा कोई फैसला नहीं लेंगे जिससे गठबंधन को झटका लगे- बीजेपी नेता
भाजपा नेता चन्द्रशेखर बावनकुले ने कहा कि अभी कई सामाजिक कार्यक्रम हो रहे हैं। इसलिए विकासात्मक और सामाजिक चर्चाएं होती हैं। राज्य में जहां कोई राजनीति चल रही हो, वहां कभी-कभी विपक्षी दल या सत्ताधारी दल मिलते हैं। इसलिए इस मुलाकात के बाद वह बताएंगे कि भुजबल और पवार के बीच मुलाकात किस बात को लेकर है।
बावनकुले ने कहा कि छगन भुजबल महायुति के बेहद अहम नेता हैं। मैं उनकी राजनीतिक यात्रा को जानता हूं, इसलिए मुझे यकीन है कि वह ऐसा कोई फैसला नहीं लेंगे, जिससे महागठबंधन को झटका लगे। इसके विपरीत, वे हमेशा यह जानने की कोशिश करते हैं कि ग्रैंड अलायंस कैसे एकजुट रह सकता है। मैं शरद पवार से भी कई बार मिल चुका हूं। इसलिए कुछ मामलों में वरिष्ठों से मार्गदर्शन लेना पड़ता है। इसलिए, इस यात्रा में कोई राजनीतिक कारण नहीं है।
बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि मैं भुजबल की शरद पवार से मुलाकात के बारे में कुछ नहीं कह सकता, लेकिन भुजबल की राजनीति सनसनीखेज बनी हुई है। अब यह बैठक आरक्षण मुद्दे पर चर्चा के लिए है या कुछ और मुझे नहीं पता। इसलिए हमें इस बारे में छगन भुजबल और शरद पवार के बीच मुलाकात के बाद ही पता चलेगा।
शिंदे समूह के नेता संजय शिरसाट ने कहा कि भुजबल के अचानक शरद पवार से मिलने जाने का कोई निश्चित राजनीतिक कारण होगा। भुजबल ऐसी जगह नहीं है जहां आप आसानी से किसी से मिल सकें और सिर्फ चाय और पानी पी सकें। इसलिए, अगर उनके मन में कोई राजनीतिक एजेंडा है, अगर वे कोई रुख रखना चाहते हैं, तो यह उपहार उसी के अनुरूप हो सकता है। तो इस मुलाकात के बाद भुजबल जो कहते हैं, उससे हम इसके पीछे की राजनीति को समझ सकते हैं, लेकिन अब उनके बारे में भविष्यवाणी करना मुश्किल है।