नई दिल्ली
विवादित और चर्चित पत्रकार, चुनावी सर्वे करने वाले और टीवी चैनलों पर भाजपा की वकालत करने वाले प्रदीप भंडारी आधिकारिक रूप से भाजपा के प्रवक्ता घोषित कर दिए गए हैं। मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंंह की ओर से इस बारे में सर्कुलर जारी किया गया है। इसके मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदीप भंडारी को तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया है।
भाजपा की वेबसाइट पर भंडारी को छोड़कर कुल 30 राष्ट्रीय प्रवक्ताओं की सूची है। इनके मुखिया लोकसभा सांसद अनिल बलूनी हैं।प्रदीप भंडारी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर किताबें भी लिखी हैं। जिनमें से एक का टाइटल ‘ Modi 3.0: Bigger, Higher, Stronger’ है। वहीं, दूसरी किताब का नाम ‘Modi Mandate 2019: Dispatches from Ground Zero’ है।
बतौर पत्रकार प्रदीप भंडारी का सबसे ताजा जुड़ाव 10 मार्च, 2024 को ज़ी न्यूज़ के साथ हुआ था। वह वहां कंसल्टिंग एडिटर के रूप में जुड़े थे। लेकिन, बहुत जल्दी वहां से उनका नाता टूट भी गया। उन्होंने पीएम मोदी, योगी आदित्यनाथ और गृह मंत्री अमित शाह के लाइव कवरेज पर प्रतिबंध की अफवाहों के बीच मई 2024 में ज़ी न्यूज से इस्तीफा दे दिया था।
2016 में शुरू की थी सर्वे फर्म ‘जन की बात’
इससे पहले वह 2022-24 तक आईटीवी नेटवर्क के इंडिया न्यूज चैनल के न्यूज डायरेक्टर थे। उससे पहले उन्होंने साल 2021 तक रिपब्लिक भारत टीवी के सलाहकार संपादक के रूप में काम किया था।प्रदीप ने साल 2016 में ‘जन की बात’ नाम से एक फर्म भी शुरू की थी, जो चुनाव से जुड़े सर्वे करती है। दावा है कि उन्होंने 39 से अधिक चुनावों के लिए सर्वे किया है।
प्रदीप भंडारी रिपब्लिक टीवी पर ललकार नाम का शो होस्ट करते थे। इंडिया न्यूज पर प्रदीप भंडारी का प्राइम-टाइम शो ‘जनता का मुकदमा’ आया करता था। भंडारी ने जी न्यूज पर ताल ठोक के, आपका सवाल, 24 की सरकार जैसे शो किए। लेकिन, भंडारी की चर्चा 2020 में सुशांत सिंह राजपूत की मौत के केस में रिपोर्टिंग के दौरान हुई।
दूसरे चैनलों या पत्रकारों को कमतर और खुद को बेहतर बताते हुए काफी तेजी से, जोर-जोर से बोलना, बस की छत पर चढ़ कर रिपोर्टिंंग करने जैसी हरकतों के चलते वह कुछ ज्यादा ही चर्चित हो गए। इस दौरान एक बार उन्हें एक साथी पत्रकार ने थप्पड़ भी मार दिया था।
मध्य प्रदेश के इंदौर में पैदा हुए प्रदीप भंडारी के पिता दिलीप भंडारी पुलिस विभाग में बड़े अधिकारी थे। वहीं, उनकी माता रजनी भंडारी एनजीओ चलाती हैं। प्रदीप ने 2012 में मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री ली है। उन्होंने पिंक फ्लावर पब्लिक स्कूल में भी पढ़ाया है और थैलेसीमिया और बाल कल्याण समूह एनजीओ के यूथ विंग समन्वयक के रूप में कार्य किया है।
प्रदीप भंडारी से जुड़े विवाद
सितंबर 2020 में प्रदीप भंडारी पर दीपिका पादुकोण, सारा अली खान और रकुल प्रीत सिंह से जुड़े ड्रग जांच के कवरेज के दौरान मुंबई में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो कार्यालय के बाहर एनडीटीवी और एबीपी न्यूज़ से जुड़े पत्रकारों द्वारा हमला किया गया था। हमले का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें एक व्यक्ति को प्रदीप भंडारी को धक्का देते हुए देखा गया और उसे थप्पड़ मारने का भी प्रयास किया गया था।
अक्टूबर 2020 में 38 प्रोडक्शन हाउस और फिल्म निकायों द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक सिविल मुकदमे में भंडारी का नाम लिया गया था। मुकदमे में आरोप लगाया गया कि भंडारी ने अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ के अन्य पत्रकारों के साथ मिलकर हिंदी फिल्म उद्योग के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।कुछ मौकों पर भंडारी अपने टीवी शो में अभद्र भाषा प्रयोग करने के चलते भी विवाद में रहे हैं।
रिपब्लिक टीवी ने आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस ने भंडारी को अवैध रूप से हिरासत में रखा
अक्टूबर 2020 में, रिपब्लिक टीवी ने कहा था कि उसके संपादक प्रदीप भंडारी को मुंबई सत्र अदालत द्वारा अग्रिम जमानत दिए जाने के बावजूद मुंबई पुलिस ने खार पुलिस स्टेशन में अवैध रूप से हिरासत में लिया था। हालांकि, मुंबई पुलिस के सूत्रों ने इस आरोप से इनकार किया था और कहा था कि भंडारी से केवल एक लोक सेवक द्वारा आदेश की अवज्ञा करने, एक लोक सेवक को अपना कर्तव्य निभाने से रोकने के लिए उनके खिलाफ दायर शिकायत के संबंध में पूछताछ की जा रही थी।
फरवरी 2023 में कांग्रेस के त्रिपुरा प्रभारी अजॉय कुमार ने भाजपा की जीत की भविष्यवाणी करने के लिए प्रदीप भंडारी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और उन पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।
सोशल मीडिया पर फिर चर्चा में प्रदीप भंडारी
बीजेपी प्रवक्ता बनाए जाने के बाद से ही प्रदीप सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। यूजर्स उनके पुराने वीडियो शेयर कर उनके रिपोर्टिंग स्टाइल और सर्वे के नतीजों पर भी मजे ले रहे हैं। कई लोगों ने तो पत्रकारिता के दौरान उनके निष्पक्ष होने पर भी सवाल उठाए।
राहुल गांधी की आलोचना
प्रदीप भंडारी ने चुनाव परिणाम सामने आने से पहले 2 जून को एग्जिट पोल को बकवास बताने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नेता राजनीतिक मजबूरियों के कारण सेलेक्टिव मेमोरी लॉस से पीड़ित हैं।न्यूज एजेंसी से बात करते हुए भंडारी ने कहा था, ‘शायद राजनीतिक मजबूरियों के कारण राहुल गांधी सेलेक्टिव मेमोरी लॉस से जूझ रहे हैं। जब तेलंगाना विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल आए तो कांग्रेस नेता टीवी चैनलों पर आए और कहा कि पार्टी इन एग्जिट पोल को देखकर उत्साहित है। उस समय सभी एग्जिट पोल में कहा गया था कि कांग्रेस तेलंगाना में सरकार बनाएगी। दुख की बात है कि जब एग्जिट पोल आपके पक्ष म