लखनऊ
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में लापरवाह और गलत काम में संलिप्त अधिकारियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है। सीएम योगी से लेकर विभाग के मंत्री तक जिम्मेदारों के खिलाफ नजीर पेश करने वाली कार्रवाई करने में पीछे नहीं रहते हैं। इसी क्रम में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक भी फुल एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर संजीदा उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सीतापुर जिले से वायरल महिला नसबंदी के वीडियो का संज्ञान लेकर बड़ी कार्रवाई के निर्देश दे दिए है। इस मामले में दो डॉक्टर समेत 6 कर्मचारियों पर गाज गिरी है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दोषियों को किसी भी दशा में बक्शा नहीं जाएगा। महिलाओं के प्रति सरकार बेहद संवेदनशील है।
दरअसल सीतापुर जिले के हरगांव इलाके के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के ओटी से एक महिला के नसबंदी संबंधित वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। वहीं उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इस वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए सीतापुर सीएमओ को जांच के आदेश दे दिए थे। उपमुख्यमंत्री के आदेश पर सीएमओ ने मामले की जांच कराई। शुरूआती जांच में दोषी पाए गए जिम्मेदारों पर बड़ी कार्रवाई की गई है।
वहीं इस मामले में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि हरगांव सीएचसी अधीक्षक डॉ. नीतेश वर्मा को तत्काल एलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थानान्तरित कर दिया गया है। साथ ही उनका एक महीने का वेतन रोकते हुए तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण तलब किया गया है। इसके अलावा स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. गोविन्द का भी एक महीने का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है। जबकि स्टाफ नर्स राधा वर्मा और वार्ड आया कल्पना को हरगांव सीएचसी से हटाकर कसमंडा सीएचसी में तैनात कर दिया गया है। साथ ही एक माह का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण तबल किया गया है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि ट्रेनी फार्मासिस्ट सत्य प्रकाश और अतुल अवस्थी के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है। दोनों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि ने कहा कि महिलाओं की गोपनीयता भंग करने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी। पूरे प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट सीएमओ को चार दिन में देनी होगी। रिपोर्ट मिलने के बाद शासन स्तर से इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्यवाही की जाएगी। ब्रजेश पाठक ने कहा कि घटना के समय ओटी में मौजूद सभी डॉक्टर और कर्मचारियों के मोबाइल की जांच कराई जाएगी। मरीजों की गोपनीयता भंग करने वाले किसी भी दशा में बच नहीं पाएंगे।