कुंभ में गैर-सनातनी दुकानदारों को नो एंट्री के प्रस्ताव का डिंपल यादव ने किया विरोध, नाराज हो गए संत

प्रयागराज:

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने जा रहे महाकुंभ-2025 के आयोजन को लेकर अभी से माहौल गरमाने लगा है। गैर सनातनियों को महाकुंभ मेले के दौरान आयोजन स्थल के आसपास दुकानों के आवंटन न करने के संतों फैसले का विरोध शुरू हो गया है। इस मामले पर ताजा बयान डिंपल यादव का आया। इस पर अब संतों की ओर से विरोध शुरू हो गया है। संतों ने मैनपुरी सांसद और समाजवादी पार्टी नेता डिंपल यादव के बयान पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने डिंपल यादव को सनातन धर्म में आस्था रखने वालों की भावनाओं को समझने की बात कही गई है।

मैनपुरी सांसद डिंपल यादव ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के उस प्रस्ताव का विरोध किया है, जिसमें गैर-सनातनियों को महाकुंभ परिसर में दुकानें लगाने की अनुमति नहीं दी जाने की बात कही गई है। परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव हम सभी की बहन जैसी हैं। वह भगवान कृष्ण के कुल से हैं। उन्हें सनातन धर्म में आस्था रखने वालों की भावनाओं को समझना चाहिए। उनसे ऐसे बयानों की उम्मीद नहीं की जाती है।

डिंपल ने क्या कहा?
अखाड़ा परिषद के प्रस्ताव का विरोध करते हुए डिंपल यादव ने कहा था कि वे (परिषद) हमारे देश के सामाजिक ताने-बाने और ‘गंगा-जमुनी’ तहजीब को नष्ट करना चाहते हैं। ये लोग नहीं चाहते कि देश संविधान के अनुसार चले, बल्कि वे चाहते हैं कि यह उनकी मर्जी के मुताबिक चले। इस पर अब महंत रवींद्र पुरी का बड़ा बयान सामने आया है।

धर्म भ्रष्ट होने का दिया हवाला
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि अगर खाने की चीजों में थूकने वालों को मेला क्षेत्र में दुकानें लगाने की सुविधा दी जाती है, तो इससे हमारा धर्म और रीति-रिवाज भ्रष्ट हो जाएंगे। संतों ने पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर भी नाराजगी जताई, जिन्होंने गुरुवार को संतों को ‘भगवाधारी गुंडे’ कहा था। महंत पुरी ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य सनातन धर्म के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज उनकी हालत देखिए, भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे।

साध्वी प्राची ने भी बोला हमला
विश्व हिन्दू परिषद की साध्वी प्राची ने शुक्रवार को अयोध्या में पूजा-अर्चना करने के बाद कहा कि अगर कोई गैर-मुस्लिम मक्का-मदीना में प्रवेश नहीं कर सकता, तो कोई गैर-सनातनी महाकुंभ में दुकान क्यों लगाएगा? उन्होंने कहा कि गैर-हिंदुओं ने जाति, धर्म और भाषा के नाम पर लोगों को बांटकर भारत पर राज किया है। उन्होंने कहा कि अब हमें बंटना नहीं चाहिए, बल्कि एकजुट होना चाहिए।

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