नई दिल्ली,
बांग्लादेश में हिंदू मंदिर पर कट्टरपंथियों के हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला शुक्रवार का है, जब जुमे की नमाज के बाद चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन के पास राधा गोविंदा और शांतनेश्वरी मातृ मंदिर पर चरमपंथी संगठनों ने हमला किया. इसके साथ ही उन्होंने इलाके में रहने वाले सनातनी समुदाय पर भी हमला किया. आरोप है कि पुलिस और सेना के जवानों ने इस दौरान मदद नहीं की.
वहीं इन हमालों के बाद इस इलाके के हिंदू अब पलायन को मजबूर हैं. लोग सुरक्षित ठिकानों पर जा रहे हैं. दरअसल, यह इलाका मुख्य रूप से हिंदू बहुल है, जिसमें 90% आबादी हिंदू समुदाय की है. इसके बावजूद जमात और बीएनपी के चरमपंथी कार्यकर्ताओं ने यहां घुसकर हिंदुओं के मंदिरों पर हमला किया और लोगों के साथ मारपीट की.
घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें चरमपंथी लोग हिंदुओं के घरों के गेटों को तोड़कर अंदर घुसकर मारपीट करते नजर आ रहे हैं. लोग डंडों से और ईंट पत्थर से हिंदुओं के पिटाई करते नजर आ रहे हैं.
इस हमले का पूर्व मुख्यमंत्री शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने विरोध किया है. आवामी लीग ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हिंदुओं के पक्ष में सवाल उठाते हुए लिखा, “आवामी लीग चटगांव में हिंदू समुदाय पर दिनदहाड़े हुए हमले की कड़ी निंदा और विरोध करती है. क्या बांग्लादेश में कोई हिंदू नहीं रहेगा?”
बता दें कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार लगातार हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. वहीं चरमपंथी संगठन खुलेआम हिंदुओं और उनके मंदिरों को निशाना बना रहे हैं. हाल ही में चटगांव में हिंसा को लेकर इस्कॉन के पुजारी चिन्मय दास को संगीन आरोपों के तहत जेल भेज दिया गया. वहीं एक वकील की हत्या मामले में अब कई और हिंदुओं को जेल भेजा जा रहा है. इसको लेकर भारत सरकार लगातार आवाज भी उठा रही है.