नई दिल्ली:
अमेरिका ने सत्तारूढ़ बीजेपी के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि भारत को अस्थिर करने के प्रयासों के पीछे अमेरिकी ‘डीप स्टेट’ तत्व हैं, जिसके बाद कांग्रेस के सीनियर नेता शशि थरूर ने रविवार को बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह ‘आक्रामक व्यवहार’ भारत के लिए शर्मिंदगी की बात है। थरूर ने आरोप लगाया कि बीजेपी को न तो लोकतंत्र की समझ है और न ही कूटनीति की। थरूर के बयान पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि ऐसा व्यवहार करने की कोई जरूरत नहीं है, जैसे कि आप जॉर्ज सोरोस के पेरोल पर हों।
शशि थरूर ने बीजेपी पर साधा था निशाना
शशि थरूर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘यह स्पष्ट है कि भाजपा को न तो लोकतंत्र की समझ है और न ही कूटनीति की। वे ओछी राजनीति में इतने अंधे हो गए हैं कि वे लोकतंत्र में स्वतंत्र मीडिया और जीवंत स्वतंत्र नागरिक संस्थाओं के मूल्य को भूल गए हैं, और वे प्रमुख देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने में सत्तारूढ़ पार्टी की जिम्मेदारियों से अनजान हैं।’ उन्होंने कहा कि यह आक्रामक व्यवहार भारत के लिए शर्मिंदगी की बात है।
किरेन रिजिजू का पलटवार
इसके बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने थरूर के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, ऐसा व्यवहार करने की कोई जरूरत नहीं है, जैसे कि आप जॉर्ज सोरोस के पेरोल पर हों। लोकतंत्र और कूटनीति देश के हित के लिए हैं, न कि विदेशी तत्वों के साथ मिलकर अपने देश को नुकसान पहुंचाने के लिए।’
अमेरिका ने बीजेपी के आरोपों को किया खारिज
बता दें कि अमेरिका ने शनिवार को बीजेपी के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित संगठन और अमेरिकी ‘डीप स्टेट’ तत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी को टारगेट करके भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि ‘डीप स्टेट’ सरकार, नौकरशाही, खुफिया एजेंसियों और अन्य सरकारी संस्थाओं के अंदर स्थापित एक अनधिकृत गुप्त नेटवर्क है। अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने आरोपों को ‘निराशाजनक’ बताया और कहा कि अमेरिका सरकार दुनिया भर में मीडिया की स्वतंत्रता की पैरोकार रही है।
बीजेपी ने लगाया था अमेरिका पर आरोप
बीजेपी ने एक फ्रांसीसी मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया था और कहा था कि इससे पता चलता है कि ओसीसीआरपी को जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर फाउंडेशन जैसे अमेरिकी सरकारी संस्थाओं में शामिल तत्वों के साथ-साथ अमेरिकी विदेश मंत्रालय के यूएसएड द्वारा फंडिंग मिलती है। बीजेपी ने एक्स पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, ‘वास्तव में, ओसीसीआरपी की 50 प्रतिशत फंडिंग सीधे अमेरिकी विदेश मंत्रालय से आती है। ओसीसीआरपी, अमेरिका की सरकारी संस्थाओं के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक मीडिया उपकरण के रूप में कार्य करता है।’