डॉलर के मुकाबले रुपया गिरने से आप पर क्या पड़ेगा असर? जानें किसे फायदा और किसे नुकसान

नई दिल्ली

रुपये में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पिछले कुछ समय से लगातार गिरावट आ रही है। शुक्रवार को यह अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। शुक्रवार को रुपया 18 पैसे लुढ़क कर पहली बार 86.04 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ। इससे पहले गुरुवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.86 पर बंद हुआ था।

क्यों गिरी रुपये की वैल्यू
रुपये की कीमत गिरना कई कारणों पर निर्भर करता है। इनमें ये प्रमुख हैं:

  • विदेशी निवेशकों का पूंजी निकालकर भारत से बाहर जाना। इससे देश की करेंसी रुपये पर दबाव बढ़ गया है।
  • विदेशी मुद्रा कारोबारियों के मुताबिक विदेशों में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक धारणा के कारण भी भारतीय मुद्रा पर दबाव पड़ा है।
  • अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को सत्ता संभालेंगे। इसके बाद वह व्यापार से जुड़े कई बैन लगा सकते हैं। इससे डॉलर की मांग बढ़ी है जिस कारण रुपया कमजोर हुआ है।
  • भारत अभी कच्चे तेल और सोने का आयात कर रहा है। इससे डॉलर की मांग बढ़ती है और रुपया कमजोर हो जाता है।
  • भारत का निर्यात अभी बहुत कम है। जब ज्यादा निर्यात होगा तो रुपये में तेजी आएगी। बहुत ज्यादा निर्यात न होने से भी रुपया कमजोर हो रहा है।

विदेशी मुद्रा भंडार में आई कमी
रुपये की कीमत को स्थिर करने के लिए रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार का काफी इस्तेमाल कर रहा है। रुपये की मांग स्थिर रहे, इसके लिए रिजर्व बैंक ने डॉलर की सप्लाई बढ़ाई है। यह वजह से देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी कमी आई है। तीन जनवरी 2025 को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 5.7 बिलियन डॉलर की कमी हुई है।

क्या पड़ता है असर?
रुपया गिरने का असर न केवल सरकार पर पड़ता है, बल्कि आम जनता पर भी दिखाई देता है। जब रुपया गिरता है तब आयात महंगा और निर्यात सस्ता हो जाता है। यानी सरकार को विदेशों से सामान खरीदने के लिए ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ते हैं। फिर चाहे तेल हो या सोना।

बात अगर कच्चे तेल की करें तो भारत अपने कुल तेल का 80 फीसदी से ज्यादा आयात करता है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने 87.7 फीसदी कच्चा तेल आयात किया था। वहीं इससे पिछले वर्ष में यह 87.4 फीसदी था।रुपया कमजोर होने पर कच्चे तेल का आयात बिल बढ़ता है। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं। अगर कीमतें बढ़ती हैं तो इसका असर आम जनता पर महंगाई के रूप में पड़ता है।

रुपया गिरने से किसे फायदा?
अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने और रुपया गिरने का सबसे ज्यादा फायदा अमेरिका समेत उन देशों को होता है जो भारत को चीजें निर्यात करते हैं। चूंकि दुनिया के ज्यादातर देश अमेरिका डॉलर में कारोबार करते हैं। ऐसे में भारत के पास से अमेरिकी डॉलर कम होते जाते हैं।वहीं अमेरिका में जॉब कर भारतीयों को भी इससे फायदा होता है। जब वे भारत आते हैं तो उन्हें डॉलर को रुपये में बदलना होता है। इससे पहले के मुकाबले ज्यादा वैल्यू में भारतीय करेंसी मिलती है।

किन्हें होता है नुकसान?
रुपया गिरने का सबसे ज्यादा नुकसान भारत के लोगों को होता है। महंगाई के अलावा इसका नुकसान उन स्टूडेंट्स को भी होता है जो अमेरिका समेत दूसरे देशों में पढ़ाई करने की सोच रहे होते हैं। उन्हें संस्थान की फीस का भुगतान डॉलर में करना होता है।ऐसे में उन्हें रुपये को डॉलर में बदलने के लिए ज्यादा रुपये खर्च करने होते हैं। इसका सीधा असर जेब पर पड़ता है। यानी विदेश में पढ़ाई महंगी हो जाती है।

About bheldn

Check Also

अडानी की कुल जितनी कमाई, उससे ज्यादा इस कंपनी ने एक साल में कमा लिया, आखिर क्या करती है ऐसा?

नई दिल्ली: अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी का नाम देश-दुनिया के अमीरों में शुमार …