वाराणसी: देवरानी-जेठानी में हुई लड़ाई, महिला ने लगाई फांसी… 4 मिनट में पहुंच गई पुलिस, जानिए फिर क्या हुआ

वाराणसी:

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में देवरानी और जेठानी के बीच की लड़ाई इतनी बढ़ी कि मामला पुलिस तक पहुंच गया। दरअसल, देवरानी और जेठानी के बीच बातचीत चल रही थी। धीरे-धीरे झगड़ा शुरू हो गया। इसके बाद एक महिला ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। सुसाइड करने की कोशिश की। फंदा लगाकर वह लटक रही थी। इसी दौरान परिवार के लोगों ने पुलिस को फोन कर दिया। केवल 4 मिनट में पुलिस मौके पर पहुंची। दरवाजा तोड़ा और महिला को फंदे से नीचे उतारा। बेहोशी की हालत में महिला को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसे होश में वापस लाया गया। अब यह मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।

क्या है पूरा मामला?
वाराणसी के पांडेयपुर के एक परिवार का विवाद मौत की वजह बनते-बनते रह गया। दो महिलाओं के बीच विवाद बढ़ते-बढ़ते यहां तक पहुंच गया कि एक महिला ने फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस की सक्रियता से महिला की जान बचाने में कामयाबी मिली। लालपुर पांडेपुर के जेडी नगर कॉलोनी में रहने वाले डाक विभाग में कर्मचारी रणवीर भट्‌टाचार्य के यहां यह घटना घटी।

रणवीर अपनी पत्नी रूपा भट्‌टाचार्य और एक बेटे के साथ इलाके के पैतृक मकान में रहते हैं। इउनके बड़े भाई आदर्श भट्टाचार्य भी पत्नी सुलेखा के साथ वहीं रहते हैं। सोमवार को रणवीर ऑफिस गए थे। रूपा और जेठानी सुलेखा का पानी को लेकर झगड़ा हो गया। देखते ही देखते झगड़ा बढ़ने लगा।

इस विवाद में पुराने पारिवारिक मसलों को कुरेदा जाने लगा। दोनों एक-दूसरे को सुनाने लगीं। इसी दौरान सुलेखा ने रूपा से कहीं और जाकर रहने को कह दिया। यह बात रूपा को चुभ गई। वह अपने कमरे में गई। उसने भीतर से दरवाजा बंद कर लिया। इसके बाद दुपट्‌टे का फंदा बनाया। कुंडे में फंसाकर उससे लटक गई।

पुलिस को किया फोन
रूपा के कमरे को बंद करता देख जेठ आदर्श भट्‌टाचार्य ने पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस टीम एक्टिव हुई। मौके के सबसे नजदीक पीआरवी-0599 को पाया गया। उसे तत्काल मौके पर भेजा गया। टीम के सिपाही रवि कुमार, आरक्षी अमरजीत गोंड और चालक नीरज कुमार जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे। वहां उन्होंने रूपा को फंदे से लटकते देखा।

रूपा फंदे से लटकी लंबी-लंबी सांसें ले रही थी। सिपाही रवि कुमार ने दरवाजा तोड़ा। कमरे में अंदर घुसते ही रूपा के पैर को पकड़कर उठा दिया। इससे फंदे की पकड़ कमजोर हो गई। इसके बाद अमरजीत ने फंदे से गले को निकाल दिया। परिवारवालों को तो एक समय उसके मरने का अंदेशा हो गया था।

सिपाही ने देखा कि महिला की सांस चल रही है तो उन्होंने तत्काल सीपीआर देना शुरू किया। धीमी पड़ रही धड़कनें काबू में आने लगी। दूसरे सिपाही ने महिला के हाथ-पैर की मालिश की। उसकी हालत स्थिर होते ही उसे अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में इलाज के बाद महिला को वापस घर भेज दिया गया। महिला ने जान बचाने के लिए सिपाहियों का आभार जताया।

चार मिनट में बची जान
डायल-112 को दोपहर 12:50 बजे महिला के खतरनाक इरादों के बारे में जानकारी मिली। पुलिस टीम दौड़ते हुए दोपहर 12.54 बजे महिला के घर पहुंची। दोपहर 12.55 पर महिला को फंदे से उतारकर सीपीआर दी गई। दोपहर 12.57 बजे महिला को होश आ गया। डीसीपी वरुणा जोन चंद्रकांत मीना ने सिपाहियों के कार्य को सराहनीय बताया। डायल-112 की टीम के बेहतर रिस्पांस पर उन्हें इनाम और प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किए जाने की घोषणा की।

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