राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री किरोड़ी लाल मीणा पर भारी पड़ रही SHO कविता शर्मा! अब मिली नई जिम्मेदारी

जयपुर

मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की सरकार में क्या अहमियत है। यह जगजाहिर हो चुका है। डॉ. मीणा द्वारा बड़े अहम मुद्दे उठाए जाते हैं लेकिन सरकार उन मुद्दों को अनदेखा कर जाती है। इस्तीफा दिए हुए पूरे 7 महीने बीत गए। ना तो इस्तीफा स्वीकार किया जा रहा है और ना ही उनकी मांगों को तवज्जो दी जा रही है। अब पुलिस इंस्पेक्टर कविता शर्मा वाले मामले को ही देख लीजिए। कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कह चुके हैं कि इंस्पेक्टर कविता शर्मा फर्जीवाड़ा करके पुलिस में भर्ती हुई है। उनकी भर्ती जांच करने की मांग भी उठाई लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। डॉ. मीणा ने कहा कि करोड़ों रुपए की जमीन हड़पने के मामले में इंस्पेक्टर कविता शर्मा दोषी पाई जा चुकी है। इसके बावजूद भी कविता के खिलाफ कार्रवाई होना तो दूर उन्हें एक बड़े थाने का एसएचओ बना दिया गया।

कालवाड़ थाने की एसएचओ बनाया कविता शर्मा को
बुधवार 22 जनवरी की देर रात को पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने पुलिस इंस्पेक्टरों की ट्रांसफर लिस्ट जारी की। कुल 41 पुलिस इंस्पेक्टरों के ट्रांसफर किए गए। इंस्पेक्टर कविता शर्मा जो कि महेश नगर थाने में तैनात थी, उनका ट्रांसफर कालवाड़ थाने कर दिया गया। यानी अब वे कालवाड़ थाने की नई एसएचओ बन गई हैं। महेश नगर थाने में तैनात रहते इंस्पेक्टर कविता शर्मा और कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के बीच पिछले दिनों तनातनी और तीखी बहस हो गई थी। कविता शर्मा ने रोजनामचे में डॉ. मीणा के खिलाफ रपट भी डाल दी थी। बाद में डॉ. मीणा भी एक्शन में आए और कविता के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डाली। उन्होंने कविता शर्मा पर फर्जी खेल कोटे से पुलिस में भर्ती होने का आरोप लगाया। कैबिनेट मंत्री के तमाम आरोपों के बावजूद सरकार ने इंस्पेक्टर कविता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

‘सरकार नहीं सुन रही, तभी तो यहां आया हूं’
6 दिसंबर 2024 को डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने जयपुर के पिंकसिटी प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने पुलिस इंस्पेक्टर कविता शर्मा के खिलाफ कई मामलों को मीडिया के सामने रखा। इस दौरान मीडियाकर्मी के एक सवाल से डॉ. किरोड़ीलाल मीणा भड़क उठे। रिपोर्टर ने पूछा कि आप इतना गंभीर मुद्दा उठा रहे हैं। इसके बावजूद भी सरकार आपकी सुनवाई करते हुए कार्रवाई क्यों नहीं करते। यह सुनकर डॉ. किरोड़ीलाल मीणा गुस्सा हो गए। वे चिल्लाते हुए बोले कि और मैं यहां किसलिए आया हूं। सरकार नहीं सुन रही तभी तो अपनी बात मीडिया के जरिए जनता के सामने रख रहा हूं। डॉ. मीणा और इंस्पेक्टर कविता शर्मा के प्रकरण को डेढ़ महीना हो गया लेकिन अभी तक इंस्पेक्टर कविता मीणा के खिलाफ एक्शन लेने के संकेत नहीं मिले हैं।

डीसीपी की रिपोर्ट के बावजूद अंगद का पांव बनी कविता शर्मा
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा द्वारा कविता शर्मा के कारनामों का भंडाफोड़ करने से पहले पिछले साल डीसीपी वेस्ट ने भी कविता के खिलाफ रिपोर्ट तैयार की थी। पीड़ित लोगों के मुकदमे दर्ज नहीं करने और बेवजह लोगों को प्रताड़ित करने सहित कई तथ्यों को शामिल करते हुए तत्कालीन डीसीपी संजीव नैन एक रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर को भेजी। तत्कालीन डीसीपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इंस्पेक्टर कविता शर्मा को फील्ड पोस्टिंग से तुरंत हटाया जाए। वह लोगों के साथ न्याय नहीं कर पा रही है और पीड़ित लोग प्रताड़ित हो रहे हैं। डीसीपी के इस पत्र को डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया के समक्ष रखा था। इसके बाद भी कविता पर सरकार और पुलिस मुख्यालय सब मेहरबान है। उनके कारनामों की जांच करना तो दूर बड़ी जिम्मेदारी वाले पुलिस थाने में पोस्टिंग दे दी गई है।

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