ममता कुलकर्णी 90 के दशक की मशहूर अदाकारा रहीं। लेकिन अब उन्होंने संन्यास ले लिया है। वह किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर बन गई हैं। पूरे विधिविधान से उन्होंने 24 जनवरी को प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में पट्टाभिषेक के बाद ये उपाधि ली और नाम भी बदल लिया। इसके बाद उन्होंने एक इंटरव्यू दिया और इसमें शादी से जुड़े सवालों से लेकर अपनी दीक्षा के बारे में बात की।
ममता कुलकर्णी ने बातचीत में शादी के सवाल पर कहा कि उन्होंने 23 साल तपस्या कर मानव कल्याण के लिए संन्यास लिया है। और इसके बाद कोई शादी नहीं करता। उनके इस कदम से ही अब इस सवाल का भी अंत हो गया। श्री यमाई ममता नंदगिरि के नाम से जानी जाने वालीं एक्ट्रेस ने कहा कि उन्हें अब खुशी हो रही है। वह अब सनातन धर्म को लेकर आगे बढ़ेंगी। उन्होंने खुद को महाकाल और मां काली की भक्त बताया।
ममता कुलकर्णी ने बॉलीवुड को कहा अलविदा
किन्नर अखाड़ा को ही चुनने पर ममता कुलकर्णी ने कहा कि यहां आजादी है। कोई पाबंदी नहीं। सभी को एक तरह की स्वतंत्रता है। कोई भी तरह के कपड़े पहन सकती हैं। ‘ हां, अभी मैंने बॉलीवुड को अलविदा कहा है। फिर भी इन्होंने मुझे स्वतंत्रता दी है कि मैं किसी धार्मिक सम्मेलन या किसी किरदार को निभा सकती हूं। मैं किसी भी फंक्शन में जा सकती हूं।’
ममता कुलकर्णी ने इन गुरु से ली थी दीक्षा
अभिषेक के दौरान रोने के बारे में ममता ने कहा कि जिस तरह कोई खिलाड़ी ओलंपिक में मेडल लाने के लिए मेहनत करता है और फिर उसे जीतता तो खुशी होती है। ठीक वैसा ही उनके साथ भी था। महामंडलेश्वर बनना था और वह बन गईं। उनकी 23 साल की तपस्या रंग लाई। एक्ट्रेस ने बताया कि उन्होंने साल 2000 से ही ये सब शुरू कर दिया था। उनके गुरु, श्री चैतन्य गगन गिरी गुरु नाथ जी हैं, जिनसे उन्होंने दीक्षा ली थी।