हार के बाद विधायकों की बैठक में क्या-क्या बोले अरविंद केजरीवाल? आतिशी ने बताया पार्टी का फ्यूचर प्लान

नई दिल्ली

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी न केवल सत्ता से बाहर हुई है बल्कि अरविंद केजरीवाल से लेकर मनीष सिसोदिया सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज और सोमनाथ भारती जैसे कई दिग्गज नेता भी हार गए हैं। हार के बाद आज पहली बार आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के घर पर विधायकों की बैठक हुई। इस बैठक में पूर्व सीएम आतिशी भी मौजूद रही, जिसमें केजरीवाल ने पार्टी के फ्यूचर एजेंडे को लेकर चर्चा की।

अरविंद केजरीवाल के घर पर हुई यह बैठक खत्म होने के बाद दिल्ली की पूर्व सीएम आतिशी ने कहा कि आप मुखिया अरविंद केजरीवाल ने नवनिर्वाचित 22 विधायकों की मीटिंग ली थी। केजरीवाल ने विधायकों को दिशा निर्देश दिए कि जनता के सभी काम करने हैं।

आतिशी ने बताईं मीटिंग की बड़ी बातें
सीएम आतिशी ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है क विपक्ष की सकारात्मक भूमिका निभाना और सरकार की जवाबदेही तय कराना। आम आदमी पार्टी इस पर जवाबदेही तय करेगी, क्योंकि उन्होंने कहा था कि पहली मींटिग में महिलाओं को पैसे देंगे।

आतिशी ने कहा कि हम इस पर भी ध्यान रखेंगे कि आप द्वारा चलाई गई जनहित योजनाओं में कोई दिक्कत ना हो और वो जारी रहें। आतिशी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है। हार पर मंथन चल रहा है, हम जनादेश को स्वीकार करते हैं।

बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप
पूर्व सीएम आतिशी ने मीटिंग की जानकारी देते हुए कहा कि जितनी गुंडागर्दी से ये चुनाव लड़ा गया है, ऐसा कभी नहीं हुआ। इसमें प्रशासन की भागीदारी रही। आतिशी ने कहा कि बीजेपी ने जो वादों किए हैं, उन्हें आम आदमी पार्टी पूरे कराएगी। आतिशी ने कहा कि अभी विश्लेषण चल रहा है कि AAP क्यों हारी, लेकिन ये दिल्ली की जनता का जनादेश है, हम जनादेश का सम्मान करते हैं।

आतिशी बोलीं नहीं देखा कभी ऐसा चुनाव
आतिशी ने कहा कि ये चुनाव इतनी गुंडागर्दी के साथ हुआ, ऐसा चुनाव दिल्ली के इतिहास में कभी नहीं हुआ होगा। जहां खुलेआम पैसे बांटे जा रहे हैं, खुलेआम शराब बांटी जा रही है, पुलिस बंटवा रही है, और जो भी इसकी शिकायत कर रहा है उसे जेल में डाला जा रहा है लेकिन हम दिल्ली की जनता के जनादेश को स्वीकार करते हैं और एक रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।

बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 40 सीटों का नुकसान हुआ है। वह 62 से 22 पर आकर सिमट गई है। पार्टी ने सरकार गंवा दी है, जो कि पिछले दस साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज थी। वहीं बीजेपी ने 48 सीटें जीतकर 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की है।

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